*मोहम्मद सलीमुद्दीन* . *पत्रकार न्यूज,कोलकाता* कोलकाता : हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस टी वी एस राधाकृष्णन ने अनुरोध किया है कि अब उन्ह...
*मोहम्मद सलीमुद्दीन* .
*पत्रकार न्यूज,कोलकाता*
कोलकाता : हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस टी वी एस राधाकृष्णन ने अनुरोध किया है कि अब उन्हें माई लॉर्ड या योर लॉर्डशिप के बजाय सर कहकर संबोधित किया जाए। अगर ऐसा होता है तो इसके साथ ही 150 साल से भी अधिक पुरानी एक परंपरा बदल जाएगी। यहां गौरतलब है कि अभी तक हाई कोर्ट के सभी जजों को माई लॉर्ड या योर लर्डशिप कह कर ही संबोधित किया जाता रहा है। हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल की तरफ से जारी एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है। इसमें कहा गया है कि चीफ जस्टिस ने सभी जिला न्यायालय के न्यायिक अधिकारियों और हाईकोर्ट के रजिस्ट्री के सदस्यों से अनुरोध किया है कि वे अब चीफ जस्टिस को सर कह कर संबोधित करेंगे। इस तरह के संबोधन के दौरान न्यायिक और प्रशासनिक परंपराओं का निर्वाह किया जाएगा। इसकी प्रतिलिपि सभी सर्किट बेंच और जिला अदालतों के जिला जजों को भेज दी गई है।
इस नए बदलाव के बाबत जिक्र करने पर वरिष्ठ एडवोकेट जयंत नारायण चटर्जी कहते हैं कि 22 साल पहले जब वकालत शुरू की थी तो जजों को माय लॉर्ड कहकर संबोधित करना सीखा था। अब रातों-रात इस परंपरा को बदलना एक मुश्किल भरा काम होगा। वे बताते हैं कि 2014 में सुप्रीम कोर्ट में एक पीआईएल दायर की गई थी। इसमें कहा गया था कि जजों को माय लॉर्ड या योर लॉर्डशिप कह कर संबोधित करना औपनिवेशिक काल की याद को ताजा कर देता है। इसकी सुनवाई करते हुए तत्कालीन जस्टिस एचएल दत्तू और जस्टिस एस ए बोबडे ने कहा था कि आप हमें सर कह कर संबोधित करें कोई एतराज नहीं है। बस संबोधन करने का तरीका सम्मानजनक होना चाहिए।
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