सुशील सिंह समाजवादी पार्टी व्यापार सभा के जिलाध्यक्ष मुकेश रस्तोगी ने सत्तारूढ़ भाजपा पर गलत नीतियां लागू कर मध्यम वर्ग, किसानों...
सुशील सिंह
समाजवादी पार्टी व्यापार सभा के जिलाध्यक्ष मुकेश रस्तोगी ने सत्तारूढ़ भाजपा पर गलत नीतियां लागू कर मध्यम वर्ग, किसानों और छोटे-मझोले व्यापारियों के हितों पर कुठाराघात करने का आरोप लगाते हुए कहा कि ये वर्ग भाजपा की किसी भी प्राथमिकता में नहीं आते हैं। श्री रस्तोगी ने कहा कि कोरोना वायरस संकट से तो लोग त्रस्त हैं ही, उससे ज्यादा भाजपा राज की गलत नीतियों का शिकार हो रहे हैं। भाजपा सरकार न तो किसानों की परेशानियों पर ध्यान दे रही है और न ही छोटे-मझोले व्यापारियों की दुर्दशा देख रही है, भाजपा सरकार ने कमजोर लोगों की मदद के बजाय बड़े पूंजी घरानों को ही रियायतें दी हैं। छोटे व्यापारी, किसान और गरीब लोग भाजपा सरकार की किसी प्राथमिकता में नहीं आते हैं। पेट्रोल, डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं, यह तब है जब अन्तराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम घटने पर भी भरत में कीमतें नहीं घटतीं। पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ौत्तरी से अन्नदाता सबसे ज्यादा परेशानी झेल रहे हैं, क्योंकि कृषि यंत्र डीजल-पेट्रोल से चलते हैं, किसान के ट्रैक्टर तथा अन्य परिवहन साधन पेट्रोल-डीजल की मंहगाई के चलते खड़े हैं। अन्नदाताओं की मूलभूत आवश्यकताओं की अनदेखी कर भाजपा सरकार उसे गहरे आर्थिक संकट में धकेल रही है। श्री रस्तोगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश अब अपराध का प्रदेश बन गया है, लूट, हत्या, छिनैती आम बात हो गयी है। लाकडाउन के दौरान बन्द शिक्षण संस्थानों द्वारा अभिभावकों से जबरन फीस वसूलने की भी कई घटनायें हुईं, फीस न जमा कर पाने की स्थिति में छात्रों का उत्पीड़न शिक्षण संस्थानों द्वारा किया गया, अभिभावकों द्वारा विद्यालय बन्द के दौरान फीस न लेने के लिए आवाजें भी बुलन्द की गयीं, किन्तु योगी सरकार ने शिक्षा माफियाओं का साथ देते आम जनमानस की मांग को नजरन्दाज कर दिया। श्री रस्तोगी ने कहा कि लाकडाउन अवधि के दौरान व्यापारियों की दुकानों के शटर तक नहीं उठे, किन्तु उनके द्वारा बिजली का बिल, कर्मचारियों को वेतन देने, सभी प्रकार के टैक्स अदा करने हेतु निर्देशित किया गया। उत्तर प्रदेश की सरकार ने व्यापारियों के हितों में कोई ठोस कदम नहीं उठाया, हर तरह से व्यापारियों को परेशान किया गया। अचानक लाकडाउन और उसके बाद भी चल रहे तमाम प्रतिबन्धों के चलते लगभग दो करोड़ो छोटे और मझोले व्यापारियों के सामने आजीविका की गम्भीर समस्या खड़ी हो गई है। इनकी दुकानों से करीब 10 करोड़ परिवारों की रोजीरोटी भी जुड़ी है, अब इनके सामने भुखमरी के हालात हैं। श्री रस्तोगी ने मांग किया है कि जब तक शिक्षण संस्थायें खुल नहीं जातीं तब तक की फीस एवं लाकडाउन अवधि के दौरान व्यापारियों की बन्द दुकानों के विद्युत बिल माफ किये जायें।
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