रिपोर्ट सुनील श्रीवास्तव देश में अब वह समय आ गया है जब केंद्र व राज्य सरकार को तय करना होगा कि शिक्षा के मंदिर को तय करना होगा क...
रिपोर्ट सुनील श्रीवास्तव
देश में अब वह समय आ गया है जब केंद्र व राज्य सरकार को तय करना होगा कि शिक्षा के मंदिर को तय करना होगा कि शिक्षा के मंदिर राजनीति के लिए इस्तेमाल होने वाला अखाड़ा बनने देना है जो कि छात्रों के भविष्य के लिए अच्छा संदेश नहीं है बेरोजगारी की भरमार है आए दिन होने वाली इस तरह के झगड़ों की घटनाओं ने हमारे देश की शिक्षा व्यवस्था व उसको संभालने वाले शासन प्रशासन के तंत्र भी कार्यशैली पर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह लगा दिया है देश में हाल के दिनों में जिस तरह अलग-अलग विश्वविद्यालयों में बवाल काटा है उन हालातों को देखकर लगता है कि अब देश मैं वह समय आ गया है जब केंद्र और राज्य सरकार को यह तय करना होगा कि उनको शिक्षा के मंदिरों को चंद लोगों व छात्रों की राजनीति का अखाड़ा बनने देना है या फिर पढ़ने लिखने हैं आने वाले अधिकार छात्रों की पढ़ाई का केंद्र बनाना है आज शिक्षा का स्तर पूरी तरह गिरता जा रहा है छात्र के हितों को ध्यान में रखते हुए सभी राजनीतिक विचारधारा राजनीति का अखाड़ा ना बनाकर बेहतर शिक्षण संस्थान के दशा में बढ़ना चाहिए जन भावनाओं को समझें सरकार अभी तक के कामकाज को देखते हुए यह कहना मुश्किल है कि उनके कार्यों से जनता का कोई भला होने वाला है की
नहीं है इन्हीं आधार पर सरकार के काम की समीक्षा होती है
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