रिपोर्ट वाई.पी.सिंह लालगंज,रायबरेली हिंदी दिवस की पूर्व संध्या पर बात करते हैं हिंदी की। बातचीत करते हुए बैसवारा महाविद्यालय के ...
रिपोर्ट वाई.पी.सिंह
लालगंज,रायबरेली
हिंदी दिवस की पूर्व संध्या पर बात करते हैं हिंदी की।
बातचीत करते हुए बैसवारा महाविद्यालय के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ ओम प्रकाश सिंह जी ने कहा मुझे गर्व है कि मैं मां हिंदी का सेवक हूँ।मैंने लगभग एक दर्जन से अधिक देशों की यात्राएँ की हैं।आगे डॉ सिंह ने कहा कि विदेशों हिंदी का तेजी से प्रचार प्रसार हो रहा है।लोग हिंदी के प्रति आकर्षित हो रहे हैं।परन्तु मैं ये देखकर हैरान हुआ कि हमारे देश में हिंदी सम्मान से वंचित रह गयी।इसी क्रम में नवगीत के प्रणेता स्व.डॉ शिवबहादुर सिंह भदौरिया जी के सुपुत्र देश के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ विनय भदौरिया जी का कहना है कि हिंदी जैसी सरल,सरस भाषा दुनियाँ दूसरी नहीं।इसी क्रम में बैसवारा के युवा पीढ़ी के लोकप्रिय गीतकार सतीश कुमार सिंह जी जो एक इंटर कॉलेज के प्रवक्ता भी हैं।उन्होंने भी हिंदी को दुनियाँ की अनोखी भाषा बताया।साथ ही कहा कि हमें नई पीढ़ी को हिंदी की खूबियों से परिचित कराना होगा।इसी क्रम में नगर के श्रेष्ठ शिक्षक उदय बाजपेई जो युवा पीढ़ी के अंग्रेजी के श्रेष्ठ शिक्षकों में से एक हैं।परंतु हिंदी के प्रबल समर्थक व प्रशंशक भी हैं।आज श्री बाजपेई ने भी कहा कि हम दुनियाँ की कितनी भी भाषाएं सीख लें उनके विद्वान हो जाएं परन्तु हमें अपनी मातृभाषा हिंदी का ज्ञान होना आवश्यक है।
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