सुशील सिंह महराजगंज रायबरेली। क्षेत्र क़े बावन बुजुर्ग बल्ला गांव मे हनुमान मंदिर (महावीरन) क़े संस्थापक एवं प्रथम स्वतंत्रता संग्राम मे ...
सुशील सिंह
महराजगंज रायबरेली।
क्षेत्र क़े बावन बुजुर्ग बल्ला गांव मे हनुमान मंदिर (महावीरन) क़े संस्थापक एवं प्रथम स्वतंत्रता संग्राम मे जिले को 18 माह अंग्रेजो से स्वतंत्र रखने वाले राना बेनी माधव बक्श सिंह क़ी 216 वी जयंती पर क्षेत्र स्थित उनकी धरोहर से लोगो ने राना को याद किया।
बताते चले क़ी राना बेनी द्वारा 163 वर्ष पूर्व स्थापित इस मंदिर का इतिहास अपने आप मे दिलचस्प व कौतुहल भरा है। कहते है अवधी नवाब वाजिद अली शाह से सिरमौर राना बहादुर दिलेर जंग का खिताब मिलने क़े बाद अवध क़े लोकनायक राना लखनऊ मे अंग्रेजो से लड़, बचते बचाते जंगल क़े रास्ते अपनी रियासत शंकरगढ आ रहे थे तभी वर्तमान मे रायबरेली बाराबंकी बार्डर पर बैती गांव से 5 किमी दूर स्थित बाबा दास का पुरवा (हैदरगढ़) मे झील क़ी खुदाई क़े दौरान मूंछधारी हनुमान जी क़ी दो जीवंत प्रतिमाए मिली जिनमे एक तो वही बाबा देवी दास मंदिर मे स्थापित क़ी गयी वही दूसरी मूर्ति राना सैनिको सहित अपनी रियासत मे स्थापित कुलदेवी भवानी मंदिर को ला रहे थे।
किदवन्ती है क़ी बावन बुजुर्ग बल्ला गांव उस समय शंकरगढ़ रियासत क़े अधीन था और जहां आज महावीरन मंदिर है यही राना अपनी सेना क़े साथ विश्राम को रुके । इस दौरान रात्रि मे बैलगाड़ी से प्रतिमा अपने आप सरक कर जमीन पर गिर गयी। सुबह लाख प्रयास क़े बाद भी प्रतिमा हिली तक नही जिस पर राना बेनी माधव ने स्वामी हरिदास जी क़ी प्रेरणा से विधि विधान पूर्वक मंदिर निर्माण किया । आज भी राना बेनी का नाम हनुमान मंदिर पर अंकित है। समाजसेवी एवं भट्टा मालिक आदित्य तिवारी द्वारा राना बेनी माधव द्वार का निर्माण कराया गया है। जिससे राना क़ी स्मृतियों को क्षेत्र क़े माटी से जुड़ा आज भी समझा जा सकता है।
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