कानपुर सौरभ गांधी कानपुर शहर के एक नौजवान युवक जिन्होंने अपने पिता के फोटोग्राफी स्टूडियो से अपनी फोटोग्राफी सफर शुरू किया आज ...
कानपुर
सौरभ गांधी कानपुर शहर के एक नौजवान युवक जिन्होंने अपने पिता के फोटोग्राफी स्टूडियो से अपनी फोटोग्राफी सफर शुरू किया आज अपने स्वयं के बलबूते पर एक फिल्म कर रहे हैं हम सभी जानते हैं कानपुर जैसे छोटे शहर में 10:00 14 साल पहले फोटोग्राफ इंडस्ट्रीज में इतने अफसर नहीं थे लेकिन सौरभ गांधी जी ने अपने जुनून और जज्बे के सहारे अपना खुद का रास्ता बनाया पिता के फोटोग्राफी स्टूडियो में काम सीखते सीखते उन्होंने अपने अंदर की प्रतिभा को पहचाना और इसी प्रतिभा और जुनून को लेकर वह दिल्ली चल दिए दिल्ली में वह अनेक लोगों से मिले जान पहचान बढ़ाई जिस फोटोग्राफी इंस्टीट्यूट से सीखे वहीं कुछ समय बाद अन्य लोगों को सिखाकर अपने फैशन को प्रोफेशन बनाने का सफर शुरू किया धीरे-धीरे अपनी लगन मेहनत निश्चियता व कठिनाइयों से लड़ने के हौसले के जरिए वह दिल्ली में फैशन फोटोग्राफी का एक जाना माना नाम बने अनेक बड़े-बड़े ब्रांडस के लिए फोटो शूट करते हुए उन्होंने फोटोग्राफी एंड इंडस्ट्री मैं अपने स्थान बनाया और खुद पे और अपने टैलेंट पर पूरा भरोसा रखते हुए वह अपने कैरियर को नई उड़ान देने मुंबई चले गए अपने जज्बे और कुछ कर दिखाने की चाहत से उन्होंने भारत माता की शान में जी म्यूजिक इंडस्ट्री के साथ मिलकर वंदे मातरम अपना पहला म्यूजिक वीडियो बनाया साथ ही वह सांड की आंख और लुक्का चुप्पी जैसी फिल्मों का हिस्सा बने इसके बाद उन्होंने में कुछ प्रेरणादायी शर्ट फिल्म का निर्माण किया एक ऐसा समय भी था जब वह अपनी आर्थिक स्थिति के चलते अनेक सफर पैदल तय किया करते थे और आज वह अपनी मेहनत और सोच से जल्द हीं स्वयं निर्देशित एक जाने-माने ओ टी टी प्लेटफॉर्म पर फिल्म रिलीज करने वाले हैं यह फिल्म दिल्ली फरीदाबाद गुरुग्राम और फिल्म के कुछ हिस्से ऋषिकेश में भी शूट किया गया है इसमें कानपुर के ही एक उभरते एक्टर ईशान यादव ने काम किया इस फिल्म के निर्माण में पूरी कास्ट वा क्रू ने उनका पूरा सहयोग किया उनका साथ देने में एक अहम भूमिका उनकी पत्नी प्रीति गांधी जी ने निभाई है इस फिल्म के लेखक मयंक मेहता और स्वयं सौरभ गांधी हैं आशा है आप सभी कानपुर के इस युवक को उनकी फिल्म के लिए पूरा सपोर्ट वा सराहना देंगे हमारे शहर के लिए यह गर्व की बात है कि हमारे शहर के इस नौजवान युवक ने अपनी मेहनत और लगन से इतना लंबा सफर तय करते हुए कामयाबी की सीढ़ी चढ़ी उम्मीद है कि सौरभ गांधी जी की यह फिल्म अपकी उम्मीदों पर खरा उतरे और वह आगे भी ऐसे कई प्रोजेक्ट को अंजाम दे जो उन्हें और इस शहर को नई परचम पर ले जाएं!
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