भैरु सिंह राठौड़ भीलवाड़ा, राजस्थान ! कानपुर (उतरप्रदेश) की प्रख्यात लेखिका रंजना मिश्रा ने देश में आज वैश्विक बीमारी कोरोना महामारी के चलते...
भैरु सिंह राठौड़
भीलवाड़ा, राजस्थान ! कानपुर (उतरप्रदेश) की प्रख्यात लेखिका रंजना मिश्रा ने देश में आज वैश्विक बीमारी कोरोना महामारी के चलते इंसान कितना भयभीत हैं, फिर भी उसके मन में आवागमन करने वाले भावों को मन से महसूस कर जिस तरह से इंसान की कल्पनाओं को लोगों को कविता के माध्यम से बताने का प्रयास किया है, वो एकदम दिल को छु जात है! लेखिका रंजना मिश्रा ने वर्तमान हालात में इंसान के मन की व्यथा को कविता में उकेरा है, वो वाकई सराहनीय है!
मन की व्यथा
मन करता है आज गगन में
चिड़िया बन उड़ जाऊं
दूर-देश का सैर सपाटा
बिन विमान कर आऊं
कोरोना ने आज कैद
घर में हमको कर रखा
मन करता है ठेले पर जा
चाट बताशे खाऊं
लगता है ज्यों बाजारों में
गई नहीं वर्षों से
सुंदर-सुंदर साड़ी-गहने
देख-देख ललचाऊं
आते मुझको याद बहुत हैं
दीदी, भैया-भाभी
तरस-तरस रह जाती हूं मैं
कैसे मिलने जाऊं
देख रही दुनिया में कैसा
हाहाकार मचा है
मन में बड़ी व्यथा है मेरे
चैन न पलभर पाऊं
लेखिका - रंजना मिश्रा
कानपुर (उत्तर प्रदेश)
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