सुशील सिंह रायबरेली भारतीय राजनीति में रिटायरमेंट की कोई उम्र नहीं होती. लेकिन अब जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 70 बरस के हो गए ह...
सुशील सिंह
रायबरेली भारतीय राजनीति में रिटायरमेंट की कोई उम्र नहीं होती. लेकिन अब जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 70 बरस के हो गए हैं तो सभी निगाहें इस पर होंगी कि वो यहां से आगे क्या रुख़ लेंगे और उन्हें किन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.
अगले कुछ वर्ष पीएम मोदी की विरासत के लिए बेहद महत्वपूर्ण होंगे क्योंकि भारतीय जनता पार्टी ने अपने नेताओं के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृति की उम्र 75 वर्ष तय की है. इसका मतलब ये है कि प्रधानमंत्री मोदी के पास अभी पाँच वर्ष और हैं. पीएम मोदी के पास साल 2024 के आम चुनाव के पहले भी चार साल हैं.
लेकिन 70 वर्ष की उम्र में प्रधानमंत्री के सपनों के समक्ष तीन महत्वपूर्ण चीज़ें हैं: अर्थव्यवस्था, विदेश नीति और उनकी राजनीतिक शैली.
नरेंद्र मोदी शासन के बीते छह सालों के दौरान उनके विरोधियों में उनके प्रति असंतोष और बढ़ा है, भारतीय अर्थव्यवस्था में गिरावट आई है, सत्ता का ध्रुवीकरण और केंद्रीकरण हुआ है.
हालांकि बहुत से लोग पीएम मोदी शासन करने की शैली का समर्थन करते हुए ये मानते हैं कि उन्होंने भ्रष्टाचार को काबू में करने की कोशिश की है, जिसकी वजह से सरकारी मदद का लाभ ग़रीबों और असहाय लोगों तक पहुंच रहा
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