हरिशंकर शर्मा प्रयागराज। माघमेला 2021 पर कोरोना वायरस संक्रमण के बादल छाए हैं। इस महामारी के संक्रमण काल में माघमेला की तैयारियों पर अभी व...
प्रयागराज। माघमेला 2021 पर कोरोना वायरस संक्रमण के बादल छाए हैं। इस महामारी के संक्रमण काल में माघमेला की तैयारियों पर अभी विराम ही लगा हुआ है। प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने स्नान पर्व की तिथियां घोषित कर दी हैं। सदियों से गंगा यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम तीरे कुंभ और माघ मेले का आयोजन होता रहा है। करीब दो महीने तक चलने वाले आध्यात्मिक, धार्मिक और सामाजिक समागम की तैयारी हर साल जुलाई व अगस्त में शुरू कर देते थे। योजना बनाने के साथ अनुमानित लागत इत्यादि को लेकर मंत्रणा होती थी। बाढ़ का पानी हटते ही सितंबर बाद जमीन पर काम शुरू करा दिया जाता था।
पहला स्नान 14 जनवरी और आखिरी स्नान 11 मार्च को होगा। कुल छह स्नान पर्व होंगे। वैसे स्नान पर्व की तिथि घोषित होने के बाद भी इसकी तैयारी शुरू नहीं हुई है। अफसरों की एक भी बैठक नहीं हुई है, ऐसे में मेला लगेगा या नहीं, इस पर संशय है।
यह होंगे 2021 में अहम स्नान पर्व
14 जनवरी मकर संक्रांति
28 जनवरी पौष पूर्णिमा
11 फरवरी मौनी अमावस्या
16 फरवरी बसंत पंचमी
27 फरवरी माघी पूर्णिमा
11 मार्च महाशिवरात्रि।
पिछले साल अगस्त तक पांटून पुल, सड़क, बिजली, पानी सप्लाई आदि के ठेके हो चुके थे। इस बार प्रशासन कोरोना वायरस के संक्रमण में ऐसा उलझा है कि मेले को लेकर एक भी बैठक नहीं हुई। वैसे करीब 70 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है ।लेकिन प्रदेश सरकार से कितनी राशि मिलेगी, साफ नहीं है। हालत यह है कि पिछले माघ मेले के 44 ही करोड़ रुपये का भुगतान शासन स्तर पर लंबित है। बाढ़ की स्थिति सितंबर भर रहेगी। माना जा रहा है कि यदि सितंबर में कोरोना वायरस के संक्रमण का मौजूदा स्वरूप बरकरार रहा तो मुश्किल बढ़ सकती है। संगम तीरे मेला बसाने के लिए करीब चार महीने तक काम करना पड़ता है।
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