डा ० दिलीप कुमार झा पत्रकार झारखंड न्यूज एजेंसी लखनऊ ,दिनांक 23/012024 । जिन महापुरुषों ने अपने जीवन काल में अपने अस्तित्व होन...
डा ० दिलीप कुमार झा पत्रकार झारखंड
न्यूज एजेंसी लखनऊ ,दिनांक 23/012024 ।
जिन महापुरुषों ने अपने जीवन काल में अपने अस्तित्व होने का एहसास कराया वो महापुरुष इतिहास पन्ने में स्वर्णाक्षरों के साथ दर्ज रहते हैं साथ ही करोड़ों दिलों की धड़कन बन कर धड़कती रहती है । ये सिल सिला कभी खत्म नहीं होता ।सतयुग में भक्त प्रह्लाद और राजा हरिश्चंद्र थे तो त्रेता में राम और द्वापर में कृष्ण हुए तो कलियुग में कई महापुरुष आए और अपने कर्म करते हुए चले गए और करते रहेंगे उनका भी नाम सदियों सदियों तक चलता ही रहेगा और लोगों के दिलों की धड़कन बन कर धड़कते रहेंगे व्यक्तित्व और कृतित्व इतिहास के पन्नों में दर्ज होता रहेगा ।
इसका उदाहरण है अयोध्या मे श्री राम मंदिर और राम की प्रतिमा में प्राण प्रतिष्ठा और उसके साथ विश्व के करोड़ों अरबों खरबों लोगों के हृदय को इस नाम से स्पंदित करता ये दो अक्षर राम । मानव जीवन के मर्यादाओं की उत्कृष्ट पराकाष्ठा का उदाहरण है मर्यादा पुरुषोत्तम राम ।
समय परिवर्तन शील है युग बदलते हैं किरदार भी बदलते हैं नाम भी बदल जाते हैं लेकिन माला के मनके की तरह वो महापुरुष एक एक कर गूंथते चले जाते हैं । किसी ने राज धर्म का निर्वाह किया किसी ने अपनी नीतियों से विश्व में अपने पुरुषार्थ से नीतियां बदल दी ।देश और समाज में फैले अधर्म जुल्म अन्याय को खत्म कर धर्म की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर अपने प्राणों की आहुति दे डाली वो महामानव समय समय पर इस पुण्य भूमि पर अवतरित होते हैं और अपने कर्म द्वारा लोगों के दिलों में स्थान पाते हैं । । इसी महामानव की श्रृंखला की माला में एक और नाम जुड़ जाता है वो नेता जी सुभाष का नाम है ।पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जा रहा ये दिवस अपने देश के लिए मर मिटने वाले इस देश के महान नायक क्रांतिकारी देश भक्त शौर्य ,वीरता और साहस की वो गाथा है जो आज हम पराक्रम दिवस मना रहे हैं ।
राजनीति अपनी जगह है लेकिन अगर नेताजी सुभाष चंद्र बोस को स्वतंत्र भारत का पहला प्रधान मंत्री का दर्जा दें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी ।आजाद हिंद फौज की स्थापना ,आजाद हिंद बैंक की शाखा ,और स्वतंत्र भारत का ध्वज फहरा कर , प्रथम राष्ट्र गान के द्वारा भारत के इस महान सपूत नेता जी को इसका श्रेय मिलता है । अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दर्जनों देशों द्वारा मान्यता प्राप्त देश और भारत के प्रथम प्रधान मंत्री कुत्सित राजनीति के शिकार हो गए ।इस महापुरुष नेताजी सुभाष की रहस्यमय तरीके से मौत कहें या गुमनामी जिंदगी व्यतीत कर करोड़ों दिलों पर राज करने वाले नेता यादों के साए में रह गए लेकिन इतिहास में। दर्ज भी है और लोगों की दिलों की धड़कन बन कर आज भी धड़कते हैं ।
आज उनके जन्म दिवस पर उनके साथ पूरे भारत भी जनता जिसने उन्हें देखा तक नहीं लेकिन फिर भी उनके दिलों में एक खुद्दार स्वाभिमानी वीर राष्ट्रभक्त ,क्रांतिकारी नेता के रूप में हर भारतीय उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित कर नमन करती है ।
झारखंड के संथाल परगना में गोड्डा जैसे छोटी सी जगह पर भी उनकी प्रतिमा पर फूल मालाओं से सुसज्जित कर उन्हें पुष्पांजलि देते हुए उन्हें नमन करने वालों की कोई कमी नही है लेकिन सर्व जीत झा अंतेवासी अधिवक्ता उनके जीवन से इतने प्रभावित हैं कि नेता जी के आह्वान को याद करते हुए तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा और हर वर्ष की तरह आज भी अपना खून नेता जी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर चढ़ाकर अपने महान नेता के आह्वाहन पर प्रस्तुत होते हैं । रौतारा चौंक स्थित नेता जी की प्रतिमा पर देश भक्तों की टोली आज भी उपस्थित होकर नेता जी अमर रहें का नारा लगाते हुए उन्हे श्रद्धांजलि समर्पित करते हुए उन्हें नमन किया ।आसमान की बुलंदियों पर नाम हो आपका,
चाँद की धरती पर मुकाम हो आपका,
हम तो रहते है छोटी सी दुनियाँ में,
पर खुदा करे सारा जहाँ हो आपका !
हमारे युवा नेता को जन्मदिन की शुभकामनाएं
नेता जी सुभाष को जन्मदिन पर मेरी सच्ची श्रद्धांजलि और नमन
देश के लिए आपकी राष्ट्र भक्ति और सेवा को कभी कोई भारतीय भुला नहीं पाएगा ।आप एक प्रेरणा श्रोत हैं और हम बहते हुए धारे ।नेता जी अमर रहें ।
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