(हास्य व्यंग ) डा ० दिलीप कुमार झा पत्रकार झारखंड दिनांक —5/5/ 2024 आज 5 मई है और पता नही आज किस महापुरुष ने पूरे विश्व के लिए ...
(हास्य व्यंग )
डा ० दिलीप कुमार झा पत्रकार झारखंड
दिनांक —5/5/ 2024
आज 5 मई है और पता नही आज किस महापुरुष ने पूरे विश्व के लिए जबरदस्ती हसने का दिन मुकर्रर कर दिया ।
अजी साहब आज हसने की बात तो छोड़ ही दीजिए एक पैसे के बराबर मुस्कान भी बड़े भाग्यशाली लोगों के चेहरे पर ही अकस्मात ही कभी कभी दिखाई दे जाती है जबकि वक्त होता है ठहाका मार कर हंसने का । योगा क्लास तो होता नहीं जो जबरदस्ती जोर जोर से अपने पेट में गुदगुदी करें और पागलों की तरह अट्टहास कर हंसने लगें साथ अन्य बैठे बूढ़े बुजुर्गों की तरह जिन्हे आंसू उपेक्षा और नफरत के साथ बुढ़ापा एक बोझ सी लगती हो किसी की शुगर हाई लेवल पर सीमा रेखा क्रोस कर चुकी है तो किसी की ब्लड प्रेसर इतनी हाई हो चुकी है कि दवा बेअसर हो रही है जोर जोर से ठहाका लगाने पर घर के सदस्य पकड़ कर हॉस्पिटल न पहुंचा दे या किसी मनोचिकिसक के पास कि इनका अंतिम समय कहीं आ तो नहीं गया जो दिमाग आउट हो गया ।
हंसने की वजह ? लोग अपनी जिंदगी में घिस पिट कर किसी तरह जी रहे हैं ठहाका मारने का मन तो मेरे अनिष्ट चाहने वालों को एक मौका देगा हंसो मेरी जिंदगी पर खूब ठहाके लगाओ क्योंकि लोगों ने आज विश्व के आम नागरिकों की चिंता करने की जगह तुम्हारे लिए हंसने की तिथि आज निश्चित की है ।
यूक्रेन वाले तुम भी ठहाका लगाओ की मौत का गोला सर के ऊपर फटने के पहले जोर जोर से हंस तो लें पता नही कब कोई रूसी गोला हमारे सर पर न गिर जाए, गाजा और इजराइल वाले तुम भी लगालो ठहाके पता नही कौन सी गोली और गोला तुम्हारे नाम पर छूट चुकी हो । विश्व आज युद्ध के कगार पर खड़ी है अमेरिका में जो बाइडेन हो या ट्रंप रूस के पुतिन हो या जर्मनी की लियोनी फ्रांस के मेकवेल हो या कनाडा के ट्यूडियो उत्तर कोरिया के किम जोंग सभी ऐसे ही पागल बन कर नाच रहे हैं और पटाखे फोड़ कर अट्टहास वर्षों से लगा रहे हैं ।
अब रही भारत की बात आम जनता तो सिर्फ अपने राजनेताओं, अभिनेताओं,क्रिकेट खिलाड़ियों या अपने देवी देवताओं के चरित्र का अनुकरण करती है । इनमे
हंसने वाले कौन कौन देवता और महापुरुष हैं जो आज हसेंगे और उनके साथ पूरे देश की जनता हो हो हो हो कर हसेगी ? प्रधान मंत्री मोदी जी चुनाव में खुद रात दिन परेशान हैं उन्हें रोने का वक्त भी नही तो हंसने की बात आज उन्हे कहां याद रहेगी । मोटा भाई खुद परेशान हैं 400 नैया पार कराने में ,राहुल बाबा अनाप शनाप बोलते है आलू से सोना निकाल कर लेकिन खुद नही हंस पाते हैं जनता सिर्फ मुस्करा कर रह जाती है ।
बाबा राम देव की ही ले लो आप योग के फायदे गिनाते गिनाते 14 नकली दवाओं के प्रतिबंध और सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार के बाद आंखे झपकाना और ताली बजाकर हंसना भी भूल गए हैं और मनमोहक मुस्कान भी दूर खड़ी होकर आवाज दे रही है अरे बाबा आज तो विश्व हास्य दिवस है चवन्नी भर मुस्कान तो दिखा दो बालकृष्ण जी के साथ लेकिन वो भी नही कुटिया में पड़े विलाप कर रहे हैं ।सारे क्षेत्रीय नेता हंसना छोड़ कर एक दूसरे को कोसने में लगे हैं लालू जी जैसा हंसोड़ व्यक्तित्व भी गंभीरता की चादर ओढ़ कर अपना मसखरा पन भूल चुके हैं ।
स्थानीय नेताओं की क्या बिसात है जो जनता के सामने नकली मुस्कान छोड़कर असली ठहाके लगाए और विश्व हास्य दिवस पर सबको हंसने और ठहाके लगाने को अपने समर्थकों को मजबूर करे ऐसा कुछ दिखा नही ।
अच्छा छोड़ो सबकी बातें और आओ अपने घर में ही कोशिश करें इस अभूतपूर्व दिवस को यादगार बना लेंगे ।
घर पहुंचते ही जैसे बरसात में ओले पड़ने लगे बर्तन पटकने बच्चों की तेज आवाजें घर के समान बिखरे हुए किसी अनहोनी की घटना से आशंकित मन और घर के अंदर मेरा पहला कदम पड़ते ही पत्नी की तेज आवाजों ने मेरा स्वागत किया और बोली सुबह उठकर झोला लटकाए निकल गए और मरण मेरी हो रही है कुछ याद भी है तुम्हे ? मैने सोचा ये मेरे मन की बात जान गई कि आज 5 मई है और विश्व हास्य दिवस है । मैने बड़े ही प्यार से जवाब दिया हां मुझे बिल्कुल याद हैं आज विश्व हास्य दिवस है।पत्नी और उग्र हो गई भांड में जाए तुम्हारा हास्य दिवस —दूध वाला का हिसाब 1 तारीख को करना था आज 5 तारीख हो गए —बच्चों के ट्यूशन फीस नहीं भरी 4 दिन लेट होने की वजह से उन्हें वापस घर भेज दिया —कुछ शाक सब्जी भी लेकर नही आए —हमारी शादी की वर्षगांठ भी आज ही है पड़ोस के लोगों को कह दिया है शाम को सबको आना है पार्टी मे — मैं कबसे लिस्ट बना कर बैठी हूं घर में जल्दी जाओ और लिस्ट लाकर मेरे हाथों में रख दी । मैने लिस्ट पर सर्च मशीन की तरह फौरन अपनी नजर दौड़ाई तो मेरे रूह कांप उठे और हास्य दिवस भूल कर मातम दिवस की तिथि याद करने लगा कि वो भी तो कहीं संयोगवश आज ही तो नही । लिस्ट का आर्थिक भारीपन और दिमाग का लोड न लेने का हल्कापन मैं जोर जोर से अट्टहास करने लगा और रक्तचाप अधिक बढ़ जाने के कारण अचेतावस्था में पहुंच चुका था । आंखें खुली तो मैंने अपने आपको सरकारी अस्पताल के बेड पर अपने आप को पाया जहां मुझे स्लाइन चढ़ाया जा रहा था और घर के सारे सदस्य मेरे होश में आने का इंतजार कर रहे थे ।
आंख खुलते ही मैंने पूछा क्या हुआ पत्नी ने बड़ी गंभीरता से जवाब दिया हास्य दिवस खत्म हो गया अब अश्रु दिवस मना रही हू।😃😃
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