*सत्यदेव शर्मा सहोड़* सोलन। कोविड-19 के चलते हुए लॉक डाउन का प्रभाव समाज के हर तबके व हर व्यक्ति पर पड़ा है, चाहे वो स्त्री हो या...
*सत्यदेव शर्मा सहोड़*
सोलन। कोविड-19 के चलते हुए लॉक डाउन का प्रभाव समाज के हर तबके व हर व्यक्ति पर पड़ा है, चाहे वो स्त्री हो या पुरुष। कोरोना काल में नकारात्मक के साथ- साथ कुछ सकारात्मक परिवर्तन भी आये है, जैसे- प्रदूषण की कमी से पर्यावरण की दशा में सुधार, अधिक साफ सफाई के कारण सामान्य बीमारियों में कमी, पारिवारिक संबंधों में निकटता का बढऩा, लोगो की किसी कार्य को लेकर छोटे व बड़े के प्रति मानसिकता में बदलाव आदि। वहीं दूसरी ओर बहुत सारे नकारात्मक प्रभाव भी पड़े हैं। बददी में लंबे समय से लोगों व बच्चों को फिट रखने के लिए मार्शल आर्ट एकेडमी चलाने वाली युवा फिटनेस ट्रेनर ममता कुंवर ने लॉकडाऊन में महिलाओं की स्थिति पर विभिन्न सर्वेक्षण व अवलोकन किया है। मीडिया से बातचीत में उन्होने कहा कि हमने समाज में महिलाओं की लॉक डाउन में स्थिति जानने के लिए एक सर्वे किया जिसमें समाज के हर वर्ग व उम्र की महिलाओं जैसे गृहणी, ग्रामीण इलाकों की महिलाओं, कामकाजी महिलाओं, कॉलेज में पढ़ाई करने वाली लड़कियों, बस्तियों में साफ सफाई करने वाली महिलाओं, आर्थिक रूप से अत्यधिक संपन्न महिलाओं से बात की, और उनकी समस्याओं व समाधान के बारे में बात की।
सर्वे के अनुसार कई महिलाओं ने बताया कि घरेलू कार्यों में वृद्धि होने के साथ- साथ घरेलू हिंसा में भी बढ़ोत्तरी हुई है, और दूसरी ओर कुछ लोग अपने परिवार को समय नहीं दे पाते थे अब लॉक डाउन में रिश्ते काफी सुधर गए व पारिवारिक जनों को समझने में भी मदद मिली है। ग्रामीण क्षेत्रों में लॉक डाउन का कुछ विशेष प्रभाव नहीं पड़ा, उनके सभी कार्य पूर्ववत चल रहे हैं। वहीं कामकाजी महिलाओं विशेषकर प्राइवेट सेक्टर में कार्य करने वाली व सेवा बस्ती महिलाएं अभी आर्थिक परेशानियों से गुजर रहे हैं, उन्हें कम वेतन देकर काम करवाया जा रहा है, और कुछ को अपनी नौकरी से भी हाथ धोना पड़ा। जिस कारण आर्थिक तंगी से सामना करना पड़ रहा है। वो महिलाएं जो आर्थिक रूप से संपन्न हैं उनको अधिक समस्या से सामना नहीं करना पड़ा।
कुछ महिलाओं ने लॉक डाउन को अवसर में परिवर्तित कर दिया और अपने हुनर का प्रदर्शन कर नए काम भी शुरू किए जैसे- ऑनलाइन माध्यम से एक्टिविटी कक्षाएं संचालित की जैसे- डांस क्लास, योगा क्लास, आर्ट एंड क्राफ्ट, मार्शल आर्ट्स, ऑनलाइन टीचिंग आदि, जिससे उनके आत्मिश्वास में भी वृद्धि हुई और आर्थिक रूप से स्थिति बदतर होने से बच गई और अपने परिवार की मदद भी कर पाई। ममता कुंवर ने कहा कि इन सब से बात करने के बाद विशेष अनुभव हुआ कि भविष्य में ऑनलाइन स्टडी की बहुत संभावनाएं है, और यदि महिलाएं अपने हाथो में कोई भी हुनर रखे और आत्मिश्वास के साथ काम करे तो वो हर परिस्थिति में अपने व परिवार का भरण पोषण करने में सक्षम हैं। कुछ महिलाएं जो कि ग्रामीण क्षेत्रों से हैं व प्रवासी हैं उनकी इच्छा अपने गांव में जाकर स्वरोजगार के अवसर पैदा करना है। उनका विश्वास है कि उनका भविष्य गांव में शहरों की अपेक्षा अधिक सुरक्षित है।
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