रिपोर्ट - भैरु सिंह राठौड़* *भीलवाड़ा (राजस्थान) 09799988158* ईश्वर व वेद की मानवीय व्यवस्था को मात्र वोट बैंक के लिए राजनैतिक द...
ईश्वर व वेद की मानवीय व्यवस्था को मात्र वोट बैंक के लिए राजनैतिक दलों व सरकार द्वारा जातिवादी व्यवस्था में तब्दील करना अत्यंत दुखदायक है! जिससे समाज में भेदभाव व असमानता बढ़ रही है।
उपरोक्त बातें मीडिया से करते हुए पीडब्ल्यूएस परिवार के संस्थापक आर. के. पाण्डेय (एडवोकेट) ने कहा कि आजाद भारत में मात्र 10 वर्ष हेतु आरक्षण व्यवस्था को केवल जातिवादी वोट बैंक के चक्कर में राजनैतिक दलों व सरकार द्वारा अनवरत कर दिया गया है, परंतु अब यह जातिवादी आरक्षण व्यवस्था आपसी कलह, भेदभाव व असमानता का परिचायक बनता जा रहा। तहसील से बकायदा जाति प्रमाण पत्र बनाकर उसी के सहारे बिना परिश्रम लाभ अर्जित करने की लालसा जहां लोगों में प्रतियोगिता खत्म कर चुकी हैं वहीं अधिक अंक के बजाय अत्यंत कम अंक वाले को तरजीह देने से प्रतिभावान योग्य नवयुवकों में हताशा पनप रही है, जिससे वे पलायन को मजबूर हो रहे हैं, तो दूसरी तरफ केवल जाति के आधार पर नियुक्ति से गुणवत्ता में कमी आ रही है। बेहतर होगा कि भारत सरकार प्रत्येक देशवासी के कल्याण की योजनाएं बनाएं। अब समय आ गया है कि सरकार अनावश्यक सब्सिडी, बेवजह वीआईपी के नाम पर सुरक्षा व कुछ लोगों को फ्री सुविधाएं बन्द करके प्रत्येक नागरिक को निःशुल्क शिक्षा, चिकित्सा व सुरक्षा मुहैया कराए तथा पारदर्शी प्रतियोगिता के जरिये मात्र योग्य लोगों को जॉब दे अन्यथा देश में पनप रहा असन्तोष भविष्य में दुखदायी परिणाम देगा।
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