सुशील सिंह रायबरेली, 12-08-2020! समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष ई. वीरेन्द्र यादव ने कहा कि किसान की हालत दिन-प्रतिदिन बदतर होती ...
सुशील सिंह रायबरेली, 12-08-2020!
समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष ई. वीरेन्द्र यादव ने कहा कि किसान की हालत दिन-प्रतिदिन बदतर होती जा रही है। भाजपा सरकार की प्राथमिकता में बड़े उद्योग घरानों का हित साधन है। किसान को किसान नहीं रहने देने के पूरे इंतजाम करने पर भाजपा सरकार उतारू है। भाजपा की कुदृष्टि खेतों पर है। उत्तर प्रदेश में प्राकृतिक आपदा, गन्ने का बढ़ता बकाया, बिचैलियों द्वारा फसलों की लूट और कर्ज से बेहाल हजारों किसान अब तक आत्महत्या कर चुके हैं। महोबा में बैंक कर्ज और आर्थिक परेशानियों के चलते ही किसान रमाशंकर रैकवार ने फांसी लगाकर जान दे दी। भाजपा सरकार ने इस सम्बन्ध में अमानवीय रवैया अपना रखा है। भाजपा सरकार का किसानों के नाम पर बड़ी-बड़ी घोषणायें करने में कोई मुकाबला नहीं है। अभी तक 20 लाख करोड़ की गिनती भी नहीं कर पाए, एक और किश्त एक लाख करोड़ की किसानों को भेजने की घोषणा कर सबको चकाचैंध कर दिया है। गरीब किसान इतनी भारी भरकम कहां रख पायेगा? जिलाध्यक्ष श्री यादव ने प्रधानमन्त्री को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि प्रधानमन्त्री कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फण्ड लांच करने की घोषणा करते हैं, पर किसान को यूरिया और बीज समय से उपलब्ध नहीं करवा पाते, यह फण्ड भी किसान समूहों को मिलेगा। मंशा साफ है कि भाजपा खेती को कारपोरेट क्षेत्र में विलय करने में लग गई है। सच तो यह है कि भाजपा सरकार बहुराष्ट्रीय और कारपोरेट घरानों के हितों की पैरोकारी में खेती, गांव, किसान को उनका बंधक बनाने की योजना लागू करना चाहते हैं। उनके इरादे विरोधाभासी हैं, जिसमें सिर्फ धोखा ही धोखा है। भाजपा सरकार ने वादा किया था कि वह सन् 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कर देगी, न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाएगी और किसान का पूरा कर्ज माफी करेगी, लेकिन हकीकत में तो भाजपा ने किसानों के साथ सिर्फ गोलमाल ही किया है। किसानों को राहत देने के बजाय डीजल के दाम बढ़ा दिए, किसान की फसल को आवश्यक वस्तु अधिनियम से हटाकर पूरे देश को बाजार बनाकर बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को किसानों के उत्पादन औने-पौने दाम पर खरीदकर उसके शोषण का रास्ता खोल दिया। उत्तर प्रदेश में किसान पहले अतिवृष्टि, ओलावृष्टि एवं आकाशीय आपदा से बदहाल रहा, इधर बाढ़ ने तबाह कर रखा है। कई जलमग्न गांवों का सम्पर्क टूट गया है, तटबंध टूट गये हैं। पशुओं का चारा भी नहीं मिल पा रहा है। स्थानीय प्रशासन ने उनकी अब तक सुध नहीं ली है। लोगों को राशन, किरोसिन तेल, दूध, दवाओं का अभाव झेलना पड़ रहा है। किसानों की फसल डूब गई है। भाजपा सरकार ने न तो पहले आपदा के शिकार लोगों को पर्याप्त मुआवजा दिया और नहीं अब राहत पहुंचा रही है। अधिकारी पिछली आपदा के आंकलन में ही लगे रहे। मदद सरकारी फाइलों में ही कैद हो गई। श्री यादव ने कहा कि खेतों की सुरक्षा के लिए सन् 2022 में साइकिल की सरकार राज्य के हित में है। समाजवादी सरकार में ही किसान, गरीब और कमजोर वर्गो के हित सुरक्षित हैं।
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