रिपोर्टर, शेरे नबी उर्फ बबलू केन्द्र सरकार ने किसानों के हित में लगातार तीन बिल पेश किये लेकिन किसानों को इसके बारे में कोई जानकारी नही है...
रिपोर्टर, शेरे नबी उर्फ बबलू
केन्द्र सरकार ने किसानों के हित में लगातार तीन बिल पेश किये लेकिन किसानों को इसके बारे में कोई जानकारी नही है कि उन किसानों को कोई लाभ मिलेगा या नही इन बिलों से किसान अन्जान है इसके अलावा इस समय मण्डियों में सरकारी खरीद के लिए कोई कांटा नही लगा है सरकारी खरीद न होने के कारण किसान आज भी आढ़तियाओं के चंगुल में फंसा हुआ है इस समय खेतों में खड़ी धान की फसल कटी रही है और जो कट चुकी है उसको किसान मण्डी में ला रहे हैं सरकारी खरीद न होने के कारण किसान प्राईवेट आढ़तियों के यहां बिक्री कर रहे हैं
प्रदेश सरकार ने धान का समर्थन घोषित कर दिया है लेकिन मण्डी में कोई सरकारी खरीद का कांटा न लगा होने के कारण. किसान प्राईवेट आढ़़तियाओं का सहारा ले रहे हैं मण्डी में ज्यादा किसानो के न आने से सन्नाटा पसरा रहता है इस समय सरकार द्वारा घोषित किये गये काॅमन धान का मूल्य 1868 और ग्रेड वन धान की कीमत 1888 रू0 प्रति कुन्तल है लेकिन इसका लाभ किसानों को नही मिल रहा क्योकि मण्डी में कोई सरकारी खरीद नही हो रही.उधर प्राईवेट दुकानदार 1600 रू0 में धान की खरीद कर रहे हैं.वही सुगन्धा और मोटा धान का कोई फिक्स रेट नही है इसलिए प्राइवेट दुकानदार मनमाने तरीके से खरीद करते हैं किसानों का जमकर शोषण हो रहा है
जायद यानी कि अप्रेल और मई में बोई जाने वाली मक्का और बाजरा की कोई सरकारी खरीद नही है इसलिए किसान प्राइवेट आढ़तियों के यहां ले जाकर बिक्री कर रहे हैं इस समय जायद बाले बाजरा की रेट 1200 से 1250 रू0 और मक्का की 1100 रू0 रेट है उधर खरीफ की मक्का और बाजरा का समर्थन मूल्य सरकार द्वारा घोषित नही किया गया है.इसलिए शिकोहाबाद मण्डी में खरीद के लिए कोई कांटा भी नही लगा है किसानों का कहना है कि सरकार के फरमान कागजों पर होते हैं धरातल पर नही.
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