विनोद यादव *पति के अलावा किसी अन्य पुरुष द्वारा दिया गया सिंदूर क्या हर घर में होगा स्वीकार... महिलाओं की भावनाओं के साथ आखिर य...
विनोद यादव
*पति के अलावा किसी अन्य पुरुष द्वारा दिया गया सिंदूर क्या हर घर में होगा स्वीकार... महिलाओं की भावनाओं के साथ आखिर ये कैसा खिलवाड़*
लखनऊ।‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर जिस तरह से सरकार अपनी ब्रांडिंग करने में लगी हैं ऐसा लगता हैं कि सबकुछ चुनाव को देखते हुए किया जा रहा हैं..देश की सेनाओं ने जहां अपना पराक्रम और शौर्य को दिखाया था वहीं जगह जगह मोदी जी ने अपनी फोटो भी चिपकाया था .. एक फिल्म का डायलॉग था..
एक चुटकी सिंदूर की क़ीमत, ये क्या जानेंगे...रमेश बाबू! शायद आज के दौर में वह रमेश बाबू कोई और नहीं मोदी जी और पूरी बीजेपी हो.. 9 जून से देशभर में हर घर में ‘सिंदूर’ की डिबिया भेजी जाएगी। इस अभियान का उद्देश्य है भारत की सांस्कृतिक परंपराओं और महिलाओं के प्रतीकात्मक गौरव को सम्मान देना हैं शायद यह सोच मोदी जी और बीजेपी की हैं..मगर लोगों का कहना हैं घर घर पहुंचाना है तो शिक्षा और रोजगार पहुंचाओ
सिंदूर तो पति खुद ला कर देगा अपनी पत्नी को हमने अपनी पत्नी का मांग भरी हैं बीजेपी और उनके नेता नहीं जो हमारे घरों में ये सिंदूर बाटनें आ रहें हैं यह कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। बीजेपी के इस कार्यशैली पर सियासी रंग भी चढ़ने लगा है।आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा कि एक महिला के लिए सिंदूर का मतलब है, उसके पति द्वारा उसके माथे पर सिंदूर भरा जाता है. बीजेपी वालों को इतनी तो समझ होनी चाहिए, हिंदुओं की आस्था और भावना के साथ खिलवाड़ किया जा रहा हैं..
संजय सिंह ने कहा, ''मुझे कई बार बीजेपी वालों पर हंसी भी आती है. कह रहे हैं कि अब बीजेपी का कार्यकर्ता घर-घर में सिंदूर बांटेगा. बताइए इनको शर्म नहीं आती है. अरे भैया सिंदूर का मतलब पता है आपको? एक महिला के लिए सिंदूर का मतलब है, उसके पति द्वारा उसके माथे पर सिंदूर भरा जाता है. बीजेपी वालों को इतनी तो समझ होनी चाहिए. कोई लुच्चा लफंगा जाकर किसी के घर में किसी भी महिला को सिंदूर देकर चला आएगा? क्या वो उसके सिंदूर को अपने माथे में भर लेगी? वहीं लोकगायिका नेहा सिंह राठौर ने व्यंग्य कसते हुए अपने एक्स पर लिखा.. ’क्या डिबिया पर भी साहब की फोटो होगी?’कहीं ऐसा न हो कि अगली बार सिंदूर भी ‘डिजिटल इंडिया’ ऐप से बुक करना पड़े।” एक ओर जहां कई लोगों ने इसे भाजपा की ‘महिला सशक्तिकरण’ की दिशा में पहल बताया, वहीं विपक्ष ने इसे चुनावी प्रचार और स्टंट करार दिया। लोक गायिका नेहा सिंह राठौर फेसबुक पर वीडियो पोस्ट कर लिखा ‘नरेंद्र मोदी सरकार आपरेशन सिंदूर की अपार सफलता के बाद इसे घर-घर पहुंचाने की तैयारी में है… अरे अगर सरकार ने थोड़ी और वीरता दिखा दी होती तो यह घर-घर जाकर सिंदूर, महावर, बिछिया, चूड़ा और कंघी भी बांट आते, तीज और खिचड़ी भी पहुंचाते। उन्होंने आगे कहा कि मैं बिहार और पूरे देश की महिलाओं से यह कहना चाहूंगी कि जब यह भाजपाई सिंदूर लेकर आपके घर आएं तो दरवाजा मत खोलिएगा… सोचकर देखिए एक तो भाजपाई दूसरे सिंदूर लेकर आया है। अब यह बात आपको समझाने की जरूरत तो है नहीं? और सबसे बड़ी सोचने वाली बात यह है कि इस सिंदूर की डिबिया पर भी क्या साहब की फोटो होगी। इस दौरान नेहा सिंह राठौर ने नरेंद्र मोदी को सिंदूरी लाल भी बता दिया।मेरी आप सब से यह गुजारिश है दरवाजा खोलकर बाहर बिल्कुल मत निकलिएगा और बंद दरवाजे के पीछे से ही डांट दीजिएगा और बोल दीजिएगा कि सिंदूर अपने पति का दिया हुआ लगाया जाता है… किसी और का दिया हुआ नहीं। ये बेफिजूल की बातों से सरकार का क्या लेना देना।बिहार में चुनाव आ रहा है भाजपा सरकार बिहार की महिलाओं की भावनाओं से खेलना चाह रही है। बिहार से कितने पुरूष रेलगाड़ियों में भर भरकर इधर-उधर रोजगार की तलाश में जाते हैं। अगर सरकार को कुछ देना ही है तो रोजगार दे, जिससे यहां के लोग बाहर न जाएं। सरकार पूरी ताकत लगा रही कि यह सवाल जनता के मन में बिलकुल न आए कि बिहार में रोजगार नहीं है। सच तो ये है कि जब दूल्हा बारात लेकर आता है तो वह अपनी दुल्हन के लिए सिंदूर महावर और सुहाग की सारी चीजें लेकर आता है। किसी दूसरी महिला को सिंदूर देना पाप है। यह कतई स्वीकार नहीं है।’ खैर लोगों का कहना हैं यह निर्लज्जता की पराकाष्ठा है, 26 बेकसूर बहन बेटियों की मांग का सिंदूर उजड़े हुए अभी मुश्किल से एक महीना बीता है वे बहन बेटियां अभी उस ह्रिदयविदारक मंजर को भूल नहीं पायी हैं , उन चारों आतंकवादी को आज तक सरकार पकड़ नहीं सकी ,किसे ने अपना बेटा, भाई या पति को खोया है उनके ऊपर क्या गुजर रही होगी.. इसलिए अब ये बेशर्मी के साथ सिंदूर बांटने चले हैं, इसको सिंदूर बांटना नहीं बल्कि घाव पर नमक छिड़कना कहते हैं,अयोध्या के महंथ आन्नद दास जी ने कहां हिंदू धर्म में सिंदूर का एक अलग ही महत्व हैं ,खासकर विवाहित महिलाओं के लिए।इसे सुहाग की निशानी माना जाता हैं और यह वैवाहिक जीवन में प्रेम ,समर्पण और पति की लंबी उम्र का प्रतीक माना जाता हैं।हिंदू धर्म में सिंदूर केवल पति द्वारा दिया दिया जाता हैं इससे पति- पत्नी के बीच प्रेम और समर्पण का प्रतीक माना जाता हैं..पति के अलावा किसी अन्य पुरुष द्वारा दिया गया सिंदूर सामान्य रुप से स्वीकार नहीं हैं.
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