न्यूज़ ऑफ इंडिया (एजेंसी) बाराबंकी: 23 नवंबर 2025 उत्तर प्रदेश की राजधानी से सटे बाराबंकी जिले की तहसील रामसनेहीघाट के करीब बनीकोडर गांव मे...
न्यूज़ ऑफ इंडिया (एजेंसी)
बाराबंकी: 23 नवंबर 2025
उत्तर प्रदेश की राजधानी से सटे बाराबंकी जिले की तहसील रामसनेहीघाट के करीब बनीकोडर गांव में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बीते महीनों से अव्यवस्था का गढ़ बन चुका था।गैर-जिला स्थानांतरण के बाद कार्यभार संभालने वाले डॉक्टर अमरेश पर मनमानी का ऐसा दौर चला कि अस्पताल का हाल बद से बदतर होता चला गया था। कहने को अस्पताल था लेकिन हालात किसी उजड़े खंडहर से भी बदतर नजर आते थे!
मंगलवार 18 नवंबर 2025 को जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अवधेश यादव अचानक निरीक्षण पर पहुंचे तो सीएचसी का हाल देखकर उनके भी होश उड़ गए।
सीएचसी के अंदर हर तरफ सड़ांध, गंदगी के ढेर, बिखरा हुआ मेडिकल वेस्ट, वार्डों में अव्यवस्था और स्टाफ की मनमानी का ऐसा नजारा कि मरीजों की जिंदगी भगवान भरोसे चल रही थी।
सीएमओ ने मौके पर ही कड़े निर्देश, सख्त फटकार और तत्काल सुधार के आदेश दिए थे लेकिन अस्पताल का रवैया जस का तस और मनमानी जारी रही!जब जनता में आक्रोश फैला और मामले की आग मीडिया तक पहुंची
और खबर सुर्खियों में आई और स्थानीय लोगों की आवाज तेज हुई,तो सिस्टम के कानों तक गूंज आई तब जाकर प्रशासन हरकत में आया और फिर जनहित में बड़ा फैसला लेते हुए सीएमओ ने तत्काल कार्रवाई करते हुए अस्पताल की कमान एक सरल और जनता के बीच लोकप्रिय डॉक्टर के हाथों में सौंप दी।
अब नए चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रमेश चंद्र (एमबीबीएस, एमडी बाल रोग विशेषज्ञ) बनाए गए हैं।
बताया जाता है कि इनकी पहचान इलाज से ज्यादा मानवता के लिए है और मरीज इनका नाम भरोसे के प्रतीक की तरह लेते हैं ।
लेकिन असली सवाल क्या यह इस ढही हुई व्यवस्था को फिर से खड़ा कर पाएंगे?क्या अस्पताल फिर से सरकार की मंशा ‘जनता को मुफ़्त, ईमानदार और समय से उपचार’ तक पहुंचाने में सफल होगा?
क्या अव्यवस्था फैलाने वालों पर अगली कार्रवाई भी होगी?
अब पूरी जनता की नज़रें नए प्रभारी पर टिकी हैं।
अगर यह सीएचसी की स्थिति सुधारते हैं, तो ये कदम हजारों मरीजों की जिंदगी बदल सकता है…
और अगर नहीं तो सवाल फिर वही उठेगा कि अस्पताल इलाज दे रहा है या लापरवाही?
इस पूरे प्रकरण ने एक बात साफ कर दी है कि जनता की आवाज़ जब उठती है, तो सिस्टम को झुकना ही पड़ता है।


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