न्यूज़ ऑफ इंडिया (एजेंसी) बाराबंकी: 30 नवंबर 2025 बाराबंकी के जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल पीजी कॉलेज, हिंदुस्तानी एकेडमी प्रयागराज, अर्थशास्त्र...
न्यूज़ ऑफ इंडिया (एजेंसी)
बाराबंकी: 30 नवंबर 2025
बाराबंकी के जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल पीजी कॉलेज, हिंदुस्तानी एकेडमी प्रयागराज, अर्थशास्त्र विभाग एवं प्रज्ञाप्रवाह के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे दिन शोधार्थियों ने ऑनलाइन व ऑफलाइन प्रारूप में अपने शोधपत्रों का वाचन किया।
प्रथम तकनीकी सत्र : ज्ञान परंपरा और संस्कृति पर चर्चा
प्रथम सत्र में प्रो. साकेत कुशवाहा, कुलपति—लद्दाख विश्वविद्यालय, ने प्राचीन भारत के क्षेत्र-विस्तार, ज्ञान परंपरा और संस्कृति पर विस्तृत व्याख्यान देते हुए कहा कि भारतीय ज्ञान-विज्ञान को जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाना आवश्यक है। सत्र में प्रो. मंजुला उपाध्याय ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। इस तकनीकी सत्र का संचालन प्रो. मनीष पांडेय तथा आभार प्रदर्शन प्रो. सुनीता यादव ने किया।
समांतर सत्र : शोध कार्यों पर विमर्श
समांतर सत्र का संचालन डॉ. अरविंद पांडेय तथा आभार प्रदर्शन डॉ. नीलमप्रभा ने किया, जिसमें शोधार्थियों ने अपने विषयगत निष्कर्ष साझा किए।
समापन सत्र : भारतीय ज्ञान विश्व के लिए वरदान
समापन सत्र में मुख्य अतिथि सदस्य, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग उपस्थित रहे। उन्होंने भारतीय ज्ञान परंपरा को न केवल भारत, बल्कि विश्व के लिए भी वरदान बताया। रामाशीष , सदस्य—अखिल भारतीय टोली, प्रज्ञाप्रवाह, ने कहा कि स्वदेशी ज्ञान प्रणाली ही भारत की विविध समस्याओं का सार्थक समाधान प्रस्तुत करती है। इस सत्र में प्रतिवेदन वाचन प्रो. विजय वर्मा ने किया। हरेश प्रताप सिंह, सदस्य, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, प्रयागराज ने समापन सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में उद्बोधन द्वारा छात्र छात्राओं को प्रेरित किया।
संगोष्ठी की संयोजिका डॉ. अर्चना सिंह ने सभी विद्वान अतिथियों, शोधार्थियों और सहयोगियों का आभार जताया। अंत में प्राचार्य प्रो. डॉ सीताराम सिंह ने सफल आयोजन के लिए आयोजकों, व्याख्याताओं, शोधार्थियों, पत्रकार बंधुओं और सभी सहयोगियों की सराहना की।


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