न्यूज ऑफ इंडिया (एजेंसी) लखनऊ: 28 नवम्बर, 2025 लखनऊ के विकास खण्ड गोसाईंगंज की ग्राम पंचायत बक्कास ने ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन में उत्क...
न्यूज ऑफ इंडिया (एजेंसी)
लखनऊ: 28 नवम्बर, 2025
लखनऊ के विकास खण्ड गोसाईंगंज की ग्राम पंचायत बक्कास ने ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन में उत्कृष्ट कार्य कर ओडीएफ प्लस का दर्जा प्राप्त किया है और स्वच्छ एवं आत्मनिर्भर पंचायत का सफल मॉडल प्रस्तुत किया है। पंचायत ने स्वच्छता प्रबंधन को आय सृजन के साथ जोड़ते हुए उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं।
ग्राम पंचायत बक्कास में वर्मी कम्पोस्ट पिट, खाद पिट और नेडप पिट का निर्माण किया गया है। ठोस कचरे के निस्तारण हेतु ई-रिक्शा और साइकिल से डोर-टू-डोर कचरा संग्रह किया जा रहा है, जिसके बदले प्रत्येक घर से ₹30 मासिक यूज़र चार्ज वसूल किया जाता है। एकत्रित कचरे को आरआरसी सेंटर में पृथक कर वर्मी कम्पोस्ट खाद तैयार की जाती है और उसे बाजार में बेचा जा रहा है। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं।
अब तक यूज़र चार्ज से ₹84,600 और वर्मी कम्पोस्ट से ₹32,250 की आय प्राप्त हुई है। इस प्रकार पंचायत की कुल आय ₹1,16,850 तक पहुँच चुकी है, जो पंचायत की आर्थिक आत्मनिर्भरता का सशक्त उदाहरण है।
तरल अपशिष्ट प्रबंधन के अंतर्गत ग्राम की नालियों और जलाशयों में सिल्ट कैचर और फिल्टर चेंबर का निर्माण कराया गया है, जिससे जलभराव और गंदगी की समस्या समाप्त हुई है। सफाई व्यवस्था में समुदाय की सक्रिय भागीदारी से गाँव की सड़कों पर पूर्व में दिखने वाले कचरे के ढेर पूरी तरह समाप्त हो चुके हैं।
नियोजित प्रयासों और तकनीक आधारित प्रबंधन के परिणामस्वरूप बक्कास ग्राम आज स्वच्छता, सुशासन और सतत विकास का प्रेरणादायक मॉडल बन गया है, जो अन्य ग्राम पंचायतों के लिए उदाहरण स्थापित करता है।
पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि ग्राम पंचायत बक्कास ने स्वच्छता और ग्रामीण विकास का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है। अपशिष्ट प्रबंधन को आय सृजन से जोड़ना और ग्रामीणों की सहभागिता सुनिश्चित करना एक सराहनीय पहल है। ऐसे मॉडल पूरे प्रदेश में स्वच्छता आंदोलन को नई दिशा देंगे और हमारी ग्राम पंचायतें आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनेंगी।
निदेशक पंचायती राज अमित कुमार सिंह ने कहा कि बक्कास ग्राम पंचायत का मॉडल यह साबित करता है कि सही योजना, तकनीक का उपयोग और सामुदायिक सहयोग से ग्रामीण स्तर पर बड़ी परिवर्तनकारी उपलब्धियाँ हासिल की जा सकती हैं। डोर-टू-डोर कलेक्शन, वेस्ट सेग्रीगेशन और वर्मी कम्पोस्ट से आय सृजन ने इस पंचायत को प्रेरक उदाहरण बना दिया है। विभाग इस मॉडल को अन्य पंचायतों में भी लागू करने की दिशा में कार्य कर रहा है।

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