रिपोर्टर सतीश मिश्रा सलोन रायबरेली सलोन विकासखंड के ग्राम पंचायत सूची मे स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत शौचालय निर्माण की धनराशि 18...
रिपोर्टर सतीश मिश्रा
सलोन रायबरेली सलोन विकासखंड के ग्राम पंचायत सूची मे स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत शौचालय निर्माण की धनराशि 18 लाख रुपए 2 अलग-अलग फर्म के नाम से चेक बना कर निकाल लिए गए। 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी ना तो शौचालय बनवाए गए है। और न दोषियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही की गई है। जबकि उक्त प्रकरण मे खंड विकास अधिकारी व जिला पंचायत राज अधिकारी न स्वयं वित्तीय अनियमितता की पुष्टि की है। उक्त प्रकरण में सैकड़ों शिकायते जिला प्रशासन व शासन स्तर पर की जा चुकी है। खानापूर्ति के लिए सिर्फ ग्राम प्रधान के वित्तीय अधिकार सीज करने का ढोंग करके तीन सदस्यीय कमेटी के गठन का आदेश पारित कर दिया गया है। दूसरी तरफ कमेटी गठन के 6 माह बाद भी न तो कमेटी को प्रभावी किया गया है। और न खाता संचालन हेतु कमेटी के सदस्यों का नाम बैंक मे बदलवाया गया है। उक्त दोषी प्रधान जिला प्रशासन व उच्च अधिकारियो की सलाह व संरक्षण मे अपनी बहाली के लिए माननीय उच्च न्यायालय की शरण में जाने की तैयारी में है। शायद ग्राम प्रधान की बहाली के उम्मीद में ही बैंक खातो में परिवर्तन नहीं कराया जा रहा है। सिर्फ शौचालय ही नही अपितु प्रधानमंत्री आवास योजना, मिड डे मील, मनरेगा,स्ट्रीट लाइट व सोलर लाइट मे भी लाखों रुपए के घोटाले की पुष्टि हो चुकी है। साथ ही वर्तमान पंचवर्षीय में रोजगार सेवक भी तानाशाही पर उतारू है। मनरेगा मजदूरों का जॉब कार्ड अपने पास रखता है। शासन के आदेश के बावजूद भी प्रवासी श्रमिकों को नहीं दिया जा रहा है। रोजगार और न ही नए जॉब कार्ड बनाए जा रहे है। जिन मजदूरों ने लॉकडाउन के दौरान काम किया था। उनकी मजदूरी का पैसा नहीं दिया जा रहा है। शौचालय निर्माण की धनराशि खाते में भेजने के नाम पर रोजगार सेवक द्वारा लाभार्थियों से धन उगाही भी की जाती है। जांच के नाम पर जांच अधिकारी जिला उद्यान अधिकारी 2 वर्षों से केवल जांच ही कर रहे हैं। लिफाफा पहुंच जाने व स्वयं की संलिप्तता होने के कारण जिम्मेदार मौन है।
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