रिपोर्ट-हरिशंकर शर्मा प्रयागराज। करबला के बहत्तर शहीदों की याद में मनाया जाने वाला सढ़सठ दिवसीय शोक दिवस यानी मोहर्रम पर इस वर्ष कोरोना का ...
रिपोर्ट-हरिशंकर शर्मा
प्रयागराज। करबला के बहत्तर शहीदों की याद में मनाया जाने वाला सढ़सठ दिवसीय शोक दिवस यानी मोहर्रम पर इस वर्ष कोरोना का ग्रहण होने से सार्वजनिक आयोजन पर सरकारी रोक होने से किसी तरहा के जुलूस शायद ही निकलें लेकिन शिया समुदाय अपने अपने घरों पर स्याह परचम लगा कर अपने आक़ा व मौला के ग़म को मनाने का तय्यारी में लग गया है।विभिन्न मज़हबी तन्ज़ीमों और मातमी अन्जुमनों ने लोगों से माहे मोहर्रम की चाँद रात से आठ रबिउल अव्वल (चुप ताज़िया जुलूस) तक अपने अपने घरों बारजों व छतों पर या हुसैन, या अब्बास,लब्बैक या हुसैन सहित अनेकों स्लोगन लिखे काले परचम को लगाने की अपील की है।अस्करी ने बताया की रौशन बाग़ के अली रिज़वी के पास सियाह परचम आ चूके हैं जहाँ से लोग छोटे व बड़े परचम को लेकर अपने घरों पर लगाएँगे।
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