प्राइवेट विद्यालय प्रबंधकों का कहना है कि सरकार अगर बोर्ड परीक्षा की फीस माफ कर दें तो हम लोग 3 महीने की बच्चों की फीस माफ कर दे...
प्राइवेट विद्यालय प्रबंधकों का कहना है कि सरकार अगर बोर्ड परीक्षा की फीस माफ कर दें तो हम लोग 3 महीने की बच्चों की फीस माफ कर देंगे
सुशील सिंह
रायबरेली कोरोना काल की वजह से जहां आम जनमानस परेशान है उन पर आरोप लग रहा है कि विद्यालय प्रबंधक जबरजस्ती उन लोगों के ऊपर फीस जमा करने का दबाव बना रहे हैं वही विद्यालय प्रबंधक की कोई नहीं सुनता है वह लोग क्या करें जिनके ऊपर सरकार की तरफ से दबाव बनाया जा रहा है कि 10 अगस्त तक विद्यालयों का बोर्ड परीक्षा शुल्क जमा किया जाए ।
बताते चलें कि कोविड-19 की वजह से जहां पूरी अर्थव्यवस्था बिगड़ गई है वही अभिभावकों को लगातार विद्यालय प्रबंधन की तरफ से उनके ऊपर यह आरोप लगा रहे हैं कि आप लोग शुल्क जमा करिए मगर वही अभिभावकों का कहना है कि जब बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं तो हम लोग विद्यालय शुल्क क्यों जमा करें वहीं दूसरी तरफ सरकार विद्यालयों के ऊपर यह दबाव बनाए हुए हैं कि आप लोग बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों का बोर्ड परीक्षा शुल्क 10 अगस्त तक जमा कर दें अन्यथा विलंब शुल्क ₹100 प्रति छात्र अलग जमा करना होगा देखने वाली बात यह है एक तरफ 31 जुलाई तक जहां पर देश के सारे विद्यालय बंद है बच्चे घर पर ही रह कर ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं जिस पर विद्यालय प्रबंधन की तरफ से अध्यापकों को ऑनलाइन पढ़ाई करवाने की एवज में भी मानदेय दिया जा रहा है वही दूसरी तरफ सरकार की जो नीति है उसकी वजह से उन लोगों के ऊपर दो तरफ से आर्थिक दबाव पढ़ रहा है ।
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