सौरभ ओझा प्रतापगढ़। जब पूरा देश कोरोना से लड रहा है एक बार फिर से प्रदेश में लाकडाउन है तो ऐसे में हम आप सभी को घर मे ही रहना है ...
सौरभ ओझा
प्रतापगढ़। जब पूरा देश कोरोना से लड रहा है एक बार फिर से प्रदेश में लाकडाउन है तो ऐसे में हम आप सभी को घर मे ही रहना है और सुरक्षित रहना है। ऐसे समय मे आइए हम आप आनन्द लेते हैं प्रतापगढ़ के बहुत ही प्रसिद्ध हास्य कवि आशुतोष 'आशु' जी को जिन्होंने पूरे प्रदेश में अपनी हास्य कविताओं व छंदो से जनपद का नाम रोशन किया है।--
काली काली रात आज है,सन्नाटा हर ओर,
निश्चित ही कल आ जाएगी,एक नई फिर भोर,
शनि देव भी लगेंगे चलने,सीधी सीधी चाल,
रोग शोक कुछ नहीं रहेगा,होंगे सब खुशहाल,
धन वैभव का बादल आकर, बरसेगा घनघोर.
निश्चित ही कल आ जाएगी,एक नई फिर भोर,
दौड़ दौड़ कर आएगी हर,स्टेशन पर रेल,
सजधज कर सब घूमेंगे फिर,होगी ठेलम ठेल,
चहल पहल कुल हो जाएगी,पहले जैसी शोर,
निश्चित ही कल आ जाएगी,एक नई फिर भोर,
माह तपन का आ जाएगा,मई और जब जून,
कोई शिमला घूमेगा तो, कोई देहरादून,
चुन्नी भी चिड़िया घर जाकर,देखेगी फिर मोर,
निश्चित ही कल आ जाएगी,एक नई फिर भोर,
देश में कुल उद्योग बढ़ेगा,मिलेगा सबको काम,
प्रगति चक्र ये चलेगा सरपट,निशदिन फिर अविराम,
गगन सफलता का छू लेंगे,सभी लगा कर जोर,
निश्चित ही कल हो जाएगी,एक नई फिर भोर,
राधा रानी बैग टांग कर, जाएगी इसकूल,
विद्यालय में लगेंगे पढ़ने,बच्चों जैसे फूल,
गणित लगाने में पप्पू भी,होगा नहीं कमजोर.
निश्चित ही कल आ जाएगी,एक नई फिर भोर,
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