न्यूज़ ऑफ इंडिया ( एजेंसी ) बाराबंकी 24 सितम्बर 2022 हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार मृत्योपरान्त पितृपक्ष में पूर्वजों को जल अर्घ्य व तर्पण करन...
न्यूज़ ऑफ इंडिया ( एजेंसी )
बाराबंकी 24 सितम्बर 2022
हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार मृत्योपरान्त पितृपक्ष में पूर्वजों को जल अर्घ्य व तर्पण करने की परम्परा है। लेकिन पारिजात युवक समिति के संस्थापक राष्ट्रीय युवा परस्कार विजेता जननायक स्व० रामनरेश रावत जी के मन में विचार आया कि मरने के बाद पूर्वजों को दिया गया जल मिलता है कि नहीं, यह कोई नहीं जानता।
इस विचार से प्रभावित होकर उक्त परम्परा मैं जोड़ते हुए जननी-जनक महोत्सव की शुरूआत की। इस परम्परा के अनुरूप पितृपक्ष में ही जीवित माता-पिता को अंगवस्त्र भेंटकर पकवान व मिठाई खिलाई जाती है, माला पहनाकर आरती उतारी जाती है तथा पैर छूकर आशीर्वाद लिया जाता है सभी माता-पिता अपने-अपने बच्चों पर अक्षत डालकर आशीर्वाद देते हैं।
उक्त परम्परा की शुरूआत 1995 में पारिजात संस्थान सफदरगंज बाराबंकी में की गयी थी। तब से अब तक लगातार यह कार्यक्रम किया जा रहा है।
जननी जनक महोत्सव के जनक स्व० रामनरेश रावत की धर्मपत्नी श्रीमती सरोज रावत पूर्व सदस्य जिला पंचायत ने पारिजात युवक समिति सफदरगंज बाराबंकी में आयोजित माता-पिता सम्मान समारोह में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम द्वारा हम सब 28 वर्ष से लगातार पितृपक्ष में जीवित माता-पिता की पूजा करते चले आ रहे हैं।
इस कार्यक्रम से प्रभावित होकर अनेकों बिखरे हुए परिवार आज एकजुट होकर एक साथ रह रहे हैं। समाज में अक्सर देखा गया है कि शादी होने के बाद बच्चे अपने माँ-बाप से अलग रहने लगते हैं कहीं-कहीं तो लोग माँ-बाप का भी बंटवारा कर लेते है माँ एक बेटे के साथ है तो बाप दूसरे बेटे के साथ है। माँ-बाप के उस दर्द को देखकर श्री रावत जी ने पितृपक्ष में ही जीवित माता-पिता की पूजा और आरती कर माँ-बाप को अपने बेटे और बेटे का अपने माँ-बाप से मिलाने की अनोखी पहल शुरू की थी जो आज समाज में परम्परा का रूप धारण कर गाँव-गाँव में मनायी जा रही है।
अरुण रावत मन्त्री भाजयुमो बाराबकी ने कहा कि हमारे परम पूज्य पिता जी ने जिस परम्परा की शुरूआत आज के 28 साल पहले की थी अब ये हमारे बीच नहीं है जिससे हम सबका दायित्य है कि उनके) द्वारा चलाये गये मिशन को आगे बढ़ाते हुए उनके सपनों को साकार करें और समाज को नयी दिशा देने के लिए प्रयासरत रहें।
इस कार्यक्रम में लगभग 50 परिवार के लोगों ने अपने-अपने मात-पिता की पूजा अर्चना की और आरती उतारी झा अपने माता-पिता से आशीर्वाद लिया।
मुख्य रूप से कार्यक्रम में शशिभूषण भारती अंकिता सिंह, जगत जीत सिंह, रामशंकर राय स्वामीनाथ, सुशील कुमार, मनीराम गौतम् रामनरेश गौतन, अखिलेश गौतम, कन्हैयालाल मौर्य परशुराम उमेशचन्द्र, रामसिंह, शिवानन्द, कामताप्रसाद, सत्यनाम प्रधान, सतीश विश्वकर्मा, रामलखन रावत, श्रवण कुमार रावत, देशराज रावत, राजेन्द्र प्रसाद, रामनरेश फौजी, नन्दलाल रावत, काशीराम रावत, प्रतापनरायन, मा० उदयराज रावत, राजेश कुमार, अरविन्द कुमार, ममतेश कुमार आदि सैकड़ों लोगों ने भाग लिया।
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