बहराइच लोकसभा के लिए 13 मई को होगा मतदान बीजेपी और सपा दोनों पार्टियों ने जीत के लिए अपनी ताकत झोंकी रिपोर्ट-धर्मेन्द्र कान्त...
बहराइच लोकसभा के लिए 13 मई को होगा मतदान
बीजेपी और सपा दोनों पार्टियों ने जीत के लिए अपनी ताकत झोंकी
रिपोर्ट-धर्मेन्द्र कान्त,बहराइच, उत्तर प्रदेश
12 मई 2024
न्यूज ऑफ इंडिया एजेंसी बहराइच
बहराइच- 56 लोकसभा बहराइच का मतदान के लिए पोलिंग पार्टी अपने अपने मतदान केंद्रों पर पहुच रहे है।बहराइच लोकसभा में मतदाताओं की चुप्पी एवम किसी पार्टी के लहर न होने से प्रत्याशियों के दिल की धड़कन बढ़ी हुई है। सूत्रों की मानें तो इस बार कोई लहर नही है।का इस बार मतदाताओं के बीच कोई करंट नही है और मतदातों में मतदान के लिए कोई उत्साह भी नजर नही आ रहा है।स्थानीय प्रसाशन ने शत प्रतिशत मतदान के लिए कई कार्यक्रम किये और मतदाता पर्ची के वितरण में भी बीएलओ ने कड़ी मशक्कत की है।
बहराइच लोकसभा का चुनाव जातीय समीकरण पर होना तय माना जा रहा है। बहराइच लोकसभा अंतर्गत पांच विधानसभा आती हैं जिसमे बलहा विधानसभा में बीजेपी की सरोज सोनकर नानपारा विधानसभा से अपना दल (एस) के राम निवास वर्मा मटेरा विधानसभा से सपा के पूर्व मंत्री यासर शाह की पत्नी मारिया शाह,महसी विधान सभा से बीजेपी के विधायक सुरेश्वर सिंह और बहराइच सदर से बीजेपी की अनुपमा जायसवाल विधायक के साथ साथ बीजेपी की विधान परिषद सदस्य डा प्रज्ञा त्रिपाठी ने बीजेपी प्रत्याशी सांसद पुत्र डॉ आनन्द गौड़ को जितवाने के लिए मतदाताओं को साधने में कोई कोर कसर नही छोड़ी। बहराइच लोकसभा में कुल मतदाता संख्या 1825673 मतदाता आज चुनावी मैदान ताल ठोक रहे दस प्रत्याशियों के पक्ष में मतदान करेंगे।बहराइच लोकसभा में दलित और मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में है। सभी प्रत्याशियों की नजर दलित व मुस्लिम मतदाता पर टिकी हुई है। बहराइच लोकसभा सीट पर बहुजन समाजवादी पार्टी प्रत्याशी डा बृजेश सोनकर बलहा विधानसभा विधायक के सम्बन्धी होने एवम बसपा प्रत्याशी अपने वोट बैंक को जितना पक्ष में मतदान कराने में कामयाब होंगे उतनी कठिनाई का सामना बीजेपी प्रत्याशी को उठानी पड़ सकती है। चुनावी समीकरण की माने तो मुख्य रूप से मुकाबला एनडीए गठबंधन के भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार सत्ता पक्ष के वर्तमान सांसद पुत्र डा आनन्द गौड़ एवं इंडिया गठबंधन के सपा प्रत्याशी रमेश गौतम के बीच मुख्य मुकाबला होना तय है।
बहराइच लोकसभा से 2014 में सुश्री सावित्री बाई फूले एवं 2019 में अक्षयबर लाल गौड़ को भारतीय जनता पार्टी से सांसद चुन कर मतदाताओं ने भेजा था। विकास के नाम पर वोट मांगने वाले बीजेपी सांसद प्रत्याशी को विजयश्री की नैय्या को पार योगी मोदी ही लगा सकते है।
भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में लोकसभा बहराइच में व्यापक प्रचार प्रसार के साथ-साथ कई जनसभा व बैठको का दौर प्रत्याशी घोषित होते ही शुरू ही गया था। भाजपा प्रत्याशी जीतना मोदी के काम के आधार पर दावा प्रस्तुत किया जा रहा है।बीजेपी प्रत्याशी के समर्थन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिले में दो एवं उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने एक जनसभा करके बीजेपी प्रत्याशी को जिताने में पूरी ताकत झोंक दी। दूसरी ओर बहराइच लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन की ओर से पूर्व विधायक रमेश गौतम सपा प्रत्याशी हैं। श्री गौतम ने कठिन परिश्रम से एक एक मतदाता तक पहुच कर अपने पक्ष में मतदान के लिए मुस्लिम मतदाता के साथ साथ सभी समुदाय के समर्थन हेतु कठिन परिश्रम से मुख्य लड़ाई में आ गए है। चुनाव प्रचार के दौरान गांव-गांव गांव गांव जाकर प्रचार कर रहे हैं सपा प्रत्याशी के पक्ष में मुस्लिम व दलित मतदाताओं का झुकाव सपा प्रत्याशी के विजय का कारण बन सकता है।
सत्ता पक्ष के सांसद पुत्र को असन्तुष्ट मतदाता की नाराजगी को तोड़ना एवम बीजेपी द्वारा अपने वोट बैंक को साधने में कड़ी मशक्कत आरएसएस व बीजेपी संगठन द्वारा जी तोड़ मेहनत बीजेपी प्रत्याशी को विजय दिलाने में लगा हुवा है।बीजेपी कार्यकर्ताओं का ये विश्वास "जीतेगा तो मोदी ही" कितना सार्थक होगा आने वाला 4 जून बताएगा।
सपा के समर्थन में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा विशाल जनसभा बहराइच में करके सपा प्रत्याशी के विजय के लिए मतदाताओं को सपा की जीत के लिए के लिए किया गया प्रयास सपा प्रत्याशी के समर्थन में चमत्कारिक परिणाम का कारण बन सकता है। बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी प्रोफेसर बृजेश कुमार सोनकर के प्रयास से दलित व मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगने की प्रबल सम्भावना से बीजेपी और सपा प्रत्याशी की मुश्किलें बढ़ सकती है।चुनावी सूत्रों की माने तो मुख्य मुकाबला सपा व बीजेपी की बीच होना है।चुनाव में कौन किसको शह देगा इसका फैसला तो आगामी 4 जून को मतगणना के बाद होगा। बीजेपी और सपा दोनों दल के समर्थक व प्रत्याशी अपनी अपनी जीत के लिए कड़ी मशक्कत कर रहे है वही मतदाता की चुप्पी किसी अप्रत्याशित परिणाम की ओर इशारा कर रहे है।
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