*रिपोर्ट अमित अग्रवाल जिला विदिशा मध्यप्रदेश* कोरोना की आड़ लेकर स्थानीय प्रशासन ने श्रद्धालुओं के द्वारा गणेश प्रतिमा विसर्ज...
*रिपोर्ट अमित अग्रवाल जिला विदिशा मध्यप्रदेश*
कोरोना की आड़ लेकर स्थानीय प्रशासन ने श्रद्धालुओं के द्वारा गणेश प्रतिमा विसर्जन पर लगाई थी रोक । प्रशासन ने ससम्मान विसर्जन करने का उठाया था बीड़ा।
प्रतिमा विसर्जन के नाम पर स्थानीय प्रशासन ने धार्मिक आस्था से किया खिलवाड़। और भक्तों की भावनाओं को पहुंचाई भारी ठेस ।
कुछ दिन पूर्व प्रशासन द्वारा शांति समिति की बैठक आयोजित की गई थी ,जिसमें कोरोना का हवाला देकर गणेश प्रतिमाओं को श्रद्धालुओं द्वारा विसर्जन पर रोक लगाने की बात कही गई और धार्मिक संगठनों को विश्वास दिलाया कि उन गणेश प्रतिमाओं को नगर पालिका द्वारा ससम्मान विसर्जित किया जाएगा। लेकिन विसर्जन के बाद स्थानीय प्रशासन द्वारा भगवान गणेश की प्रतिमाओं का विसर्जन कितने सम्मान पूर्वक किया गया है उसकी पोल खुलकर सामने आ गई और प्रतिमाओं की दुर्दशा से श्रद्धालुओं का मन भी दुखी हुआ है। इस संदर्भ में पूर्व कॉन्ग्रेस विधायक निशंक जैन ने कहा जब प्रशासन भगवान गणेश की प्रतिमाओं को ससम्मान विसर्जित करने की व्यवस्था नहीं कर सकता था ,तो उसे श्रद्धालुओं की धार्मिक आस्था से खिलवाड़ करते हुए प्रतिमाओं का अपमान जनक स्थिति में नही छोड़ना चाहिये था। इस संदर्भ में विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल के क्षेत्रीय मंत्री(मध्यप्रदेश- छत्तीसगढ़) राजेश तिवारी ने कहा प्रशासन को श्रद्धालुओं की भावना का ध्यान रखना चाहिए था और भगवान गणेश जी की प्रतिमाओं को कुंड बनाकर विसर्जित करना चाहिए था।
भगवान गणेश जी की प्रतिमाओं के विसर्जन की जवाबदारी स्थानीय प्रशासन द्वारा ली गई थी। जिसमें भारी लापरवाही सामने आ रही है, और साफ देखा जा रहा है की प्रतिमाएं कीचड़ में पड़ी हुई है जिन पर आवारा मवेशी पैर रखकर घूम रहे हैं। अगर प्रशासन सुनियोजित तरीके से एक कुंड को खुदबाकर उसमें प्रतिमाओं का विसर्जन करता तो आज भगवान गणेश की प्रतिमा की यह दुर्दशा नहीं होती और भक्तों की आस्था भी विचलित नहीं होती।
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