हरिशंकर शर्मा प्रयागराज, उत्तर प्रदेश। प्रयागराज। डॉ. कफील खान की राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) में निरुद्धि के खिलाफ दाखिल याचिका पर दो ...
हरिशंकर शर्मा
प्रयागराज, उत्तर प्रदेश।
प्रयागराज। डॉ. कफील खान की राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) में निरुद्धि के खिलाफ दाखिल याचिका पर दो दिन चली बहस के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया। डॉ. कफील खान की मां नुजहत परवीन की तरफ से दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गोविंद माथुर व न्यायमूर्ति एसडी सिंह की खंडपीठ कर रही है।
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर भड़काऊ बयानबाजी करने के लिए अलीगढ़ के जिलाधिकारी ने 13 फरवरी 2020 को डॉ. कफील खान को रासुका में निरुद्ध करने का आदेश दिया। यह अवधि दो बार बढ़ायी जा चुकी है। हालांकि कफील खान को गोरखपुर के गुलहरिया थाना में दर्ज एक मुकदमे में 29 जनवरी, 2020 को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका था। जेल में रहते हुए रासुका तामील कराई गई है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की है। 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट से डॉ. कफील खान की मां की याचिका पर 15 दिन में फैसला लेने को कहा था। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को समय दिया। फिर 27 व 28 अगस्त को कोर्ट में दोनों ओर से पक्ष रखा गया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया है।
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