सुशील सिंह *एक ओर जहाँ उत्तर प्रदेश की सरकार भूमाफियाओं पर शिकंजा कस रखा है वही बेसिक शिक्षा विभाग अपनी जमीन पर कब्जा करने वाले...
सुशील सिंह
*एक ओर जहाँ उत्तर प्रदेश की सरकार भूमाफियाओं पर शिकंजा कस रखा है वही बेसिक शिक्षा विभाग अपनी जमीन पर कब्जा करने वाले की शिकायत करने के कारण अपनी जाल माल की रक्षा हेतु विद्यालय से भागना पड़ रहा है।*
*मामला तहसील महराजगंज के विकास क्षेत्र-बछरावां का है।जहाँ ग्रामपंचायत-शेखपुर समोधा के प्राथमिक विद्यालय-टांडा का निर्माण वर्ष 1998 में हुआ था।
तथा विद्यालय भूमि का पूर्ण परिसर बछरावां-मौरावां मार्ग पर स्थित होने के कारण विगत 02 वर्ष पूर्व गावं के वीरेंद्र कुमार ने अपनी पुस्तैनी भूमि बताते हुए तत्कालीन राजस्व विभाग के कर्मचारी की मिली भगत से कब्जा करते हुए दुकानें बना ली गयी।विद्यालय में कार्यरत प्रधानाध्यापिका विभा सिंह के द्वारा उक्त अवैध कब्जे का विरोध किया गया तथा अपने विभागीय अधिकारियों को बार-बार लिखित रूप से अवगत कराया गया लेकिन विभाग ने अपनी भूमि को बचाने के लिए किसी भी प्रकार का शायद कोई पत्राचार तक नहीं किया।तत्कालीन लेखपाल द्वारा विद्यालय की प्रधानाध्यापिका से विद्यालय भूमि का प्रस्ताव मांगा गया जिस पर विद्यालय द्वारा अवगत कराया गया कि भूमि प्रबंध समिति का रजिस्टर तो आपके ही पास है ।विद्यालय की प्रधानाध्यापिका द्वारा लगातार अपने विद्यालय की भूमि अभिलेख के लिए परेशान है लेकिन उसका अपना विभाग ही उसकी कोई मदद नहीं कर रहा है।
इसी भूमि विवाद के चलते वीरेंद्र कुमार आये दिन विद्यालय के शिक्षकों को धमकी दिया करता है कि उक्त विद्यालय मेरा है यहां से भाग जाओ या तो मुझे कागज दिखाओं।दिनांक 2 सितंबर की सायं वीरेंद्र कुमार ने विद्यालय की प्रधानाधपिका को फ़ोन कर कल से विद्यालय न आने की धमकी दी ।जिसकी सूचना तत्काल *प्रधानाध्यापिका द्वारा अपने खंड शिक्षा अधिकारी बछरावां को दी गयी कि जान माल की रक्षा हेतु हम अपने स्टाफ सहित कल से आपके कार्यालय में ही उपस्थित रहेंगे।उक्त सूचना के क्रम में विद्यालय की प्रधानाध्यापिका अपने स0अ0 एवम रसोइयां के साथ बीआरसी के बाहर बैठी रहीं लेकिन खंड शिक्षा अधिकारी बछरावां न ही अपने कार्यालय आये और न ही प्रधानाध्यापिका से कोई बात की।*
*उक्त मामले की जानकारी जैसे ही उपजिलाधिकारी महराजगंज को हुई उन्होंने तत्काल प्रधानाध्यापिका से बात की तथा तत्काल कार्यवाही करते हुए थानाध्यक्ष बछरावां को बीआरसी बछरावां भेजा।थानाध्यक्ष द्वारा समस्त स्टाफ को लेकर प्राथमिक विद्यालय टांडा पहुँचकर विद्यालय परिवार पूर्ण सुरक्षा का भरोसा दिलाया।*
*इस प्रकरण पर सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह कि विभाग द्वारा विद्यालय बनवाने से पूर्ण ग्रामपंचायत से भूमि के संबंध में प्रस्ताव व अन्य अभिलेख लिये गये होंगे तब उनके द्वारा वह अभिलेख राजस्व विभाग को खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा क्यों उपलब्ध नहीं कराए जा रहें?*
*भूमि प्रबंध समिति के अभिलेख जब लेखपाल के पास उपलब्ध है तब अभिलेख विद्यालय से क्यों मांगे जा रहें?*
*जब विद्यालय के भूमि संबंधी प्रस्ताव विभाग के पास नहीं है या नहीं मिले तो विद्यालय निर्माण कैसे हुआ?*
*खंड शिक्षा अधिकारी बछरावां द्वारा कब्जे की शिकायत प्राप्त होने के बाद क्या कार्यवाही की गयी?*
*विद्यालय निर्माण के 20 वर्षों के बाद लाखों की भूमि पर अब ही क्यों स्वामित्व का दावा किया जा रहा है*?
*यदि इन सभी की बिन्दुओं की जांच करा ली जाए तो शायद प्रधानाध्यापिका को अपनी जानमाल की रक्षा हेतु विद्यालय न छोड़ना पड़ें।*
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