रिपोर्ट अजीत सिंह सलोन।धान की फसल तैयार हो चुकी है। कटाई शुरू होने में सिर्फ एक हफ्ता रह गया है।पराली का धुआं फिर से लोगों का दम...
रिपोर्ट अजीत सिंह
सलोन।धान की फसल तैयार हो चुकी है। कटाई शुरू होने में सिर्फ एक हफ्ता रह गया है।पराली का धुआं फिर से लोगों का दम न घोंट दे, इसके लिए सलोन तहसील प्रशासन ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है।किसानों को पराली जलाने से रोकने को लेकर प्रशासन ने नई रणनीति तैयार की है।पराली जलाने वाले किसानों पर इस बार सिर्फ अर्थदंड ही नहीं लगेगा, बल्कि किसानों को शासन की योजनाओं के लाभ से भी वंचित होना पड़ेगा।शानिवर को तहसील सभागार में उपजिलाधिकारी अंशिका दीक्षित के नेतृत्व में किसानों की एक बैठक आयोजित की गयी।
बैठक में शासन की नई गाइड लाइन के तहत धान की फसल के अवशेषों को खेतों में नही जलाने के सख्त निर्देश दिए गए है।एसडीएम और तहसीलदार ने संयुक्त रूप से कहा कि खेत में फसल अवशेष जलाने पर पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने के साथ ही साथ मृदा उर्वरता पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है।और फिर धुंध के साथ स्मोग की समस्या आ पड़ती है।एसडीएम अंशिका ने कहा कि फसल अवशेष जलाने की घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से दो एकड़ से कम क्षेत्रफल हेतु ढाई हजार रूपए प्रति घटना, 2 एकड़ से अधिक तथा 5 एकड़ तक के क्षेत्रफल हेतु पाचं हजार रूपए प्रति घटना एवं 5 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल हेतु 15 हजार रूप्ए प्रति घटना के हिसाब से अर्थदण्ड का प्राविधान किया गया है।तथा दोषी व्यक्ति के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाने के निर्देश भी दिए गए हैं।तहसीलदार राम कुमार शुक्ला ने बताया कि पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए प्रत्येक कंबाइन हार्वेस्टर से एक शपथ पत्र भराया गया है।ये धान कि फसल काटने के दौरान किसानों से एक शपथ पत्र भरवाएंगे की फसल काटने के बाद वो खेतो में पराली नही जलायेगे।अगर उसके बावजूद ऐसा करते है, तो उनके विरुद्ध जुर्माने के कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
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