काफी बार सुनने में आता है कि कुंडलिनी जाग्रत करते वक़्त या ध्यान लगाते समय लोगो को अलग अलग तरह के अनुभव होते है किसी को अच्छे तो किसी को बु...
काफी बार सुनने में आता है कि कुंडलिनी जाग्रत करते वक़्त या ध्यान लगाते समय लोगो को अलग अलग तरह के अनुभव होते है किसी को अच्छे तो किसी को बुरे, किसी को राक्षस दिखते है तो किसी को भगवान, पर ऐसा होने के पीछे कारण क्या है आज उन्ही सब बातों पर रोशनी डालते है अक्सर ऐसा होने के पीछे कारण है हमारी खुद की ऊर्जा क्योंकि अगर हमारी ऊर्जा और हमारी आत्मा शुद्ध और सकरात्मक (positive) है तो हमारी तरफ अच्छी शक्तिया आकर्षित होगी और बिना तकलीफ के हमे आशीर्वाद देगी पर यदि हमारी सोच और हमारे कर्म दूषित व नकरात्मक ( negative ) है तो बुरी शक्तिया हमारी और आकर्षित होगी और हम पर अपना नियन्त्रण करने की कोशिश करेगी या ऐसी बुरी शक्तिया हमारे शरीर पर अपना नियंत्रण कर अपनी अधूरी इच्छायें पूरी करने की कोशिश करती है
अब अगर हमारे साथ भी कुछ ऐसा ही हो रहा है और अच्छी या बुरी शक्ति हम पर अपना प्रभाव डाल रही है हमे वरदान देना चाहती है या हमारा कुछ अनिष्ट करने की कोशिस कर रहे हैअच्छा हो रहा हो तो फिक्र की बात नही है पर अगर बुरी शक्तियां हम पर अपना असर डाल रही है तो हम क्या करें ,तो इसका उपाय है कि आप को यदि कभी ऐसा अनुभव हो तो आप बिना उस शक्ती को अपना ध्यान दिये अपने कर्म मे या अपनी साधना मे मगन रहे, तटस्थ भाव से उस उर्जा को देखे ओर उसमे लिप्त ना हो और ना ही कोई प्रतिक्रिया करे । आपके उसकी और ध्यान या दिलचस्पी ना लेने के कारण वह शक्ती जैसे आई थी वैसे ही अपने आप चली जायेगी ।
यहाँ हम आपको कुछ ऐसे ही अच्छे और बुरे अनुभवों की जानकारी देंगे जिससे आप मालूम कर सके कि ध्यान करते समय ,अपनी साधना के दौरान या गहरी नींद में लोग क्या महसूस करते है क्योंकि इनमे से कोई भी अनुभव आपको होते है तो इसका अर्थ है की आप के पास कुछ अच्छी या बुरी आत्माएं आ कर आपसे सम्पर्क करना चाह रही है ।
• ध्यान ,साधन या नींद में किसी भी प्रकार की कोई सुगन्ध या दुर्गन्ध महसूस होना ।
• आपका अपना पालतू जानवर जैसे कुत्ता गाय बिल्ली इत्यादि बिना वजह कभी भी रोने लगे ,घबराहट के कारण परेशान हो रहे हो या और तरह तरह की आवाज़ें निकालने लगें है ।
• आप सो रहे हो और सपने में आपको लगे कि आप बहुत जोर से चिल्लाने की कोशिश कर रहे है, लेकिन आपकी आवाज नही निकल रही या सामने वाला आपकी आवाज सुन नही पा रहा और तभी घबराहट में आपकी नींद खुल जाती है और आप एक दम पसीने में हो रहे है और आपकी दिल की धड़कन और साँसे काफी तेज हो रही है ।
• आपको अपने शरीर पर ऐसा लग रहा है जैसे कोई हवा का दवाब या कोई चीज़ आपके शरीर पर दबाव डाल रहा है और आप उस दबाव से मुक्त होने की कोशिस कर रहे है पर हो नही पा रहें ।
• आपको लगता है कोई अदृश्य रूप से आपके पास है और आपके साथ संभोग (sex ) कर रहा है ।
• आपके घर की लाईट, पंखा या दरवाजे की कुंडी (lock ) अपने आप ही खुल जाती है या बंद हो जाती है या घर का सामान अपने आप अलमीरा या दीवारों से नीचे गिर जाता है ।
• आपको अपने आस पास किसी के होने का अभ्यास होता है पर वो दिखाई नही देता ।
• आपको लगे कि कोई अदृश्य शक्ति आपके हमेशा आस पास है और वो अपने होने का अभ्यास आपको करवाती रहती है ।
• आपको लगे कि कोई आपका गला या शरीर को दबाने की कोशिस कर रहा है और आप की जान निकलने वाली हो ।
जिनको लगता है की उपरोक्त लक्षणों मे से कुछ लक्षण उन्होने अनुभव किये है तो उनको चिंतित होने की आवश्यकता नही है । इस तरह के अनुभव कभी कभार हो जाना बिल्कुल समान्य है और ऐसा होने के कुछ कारण भी होते है जिसमे से एक का हम पहले ही जिक्र कर चुके है और दूसरा है आपका अंधविश्वास या आपकी खुद की वो हरकते या कार्य जो आपको ऐसा महसूस करने के लिए मजबूर कर देती है जिसमे बहुत बार होता है कि हम दिन रात ऐसे लोगो ,किताबों या मूवी (movie ) को सुनते, देखते या पड़ते है जिसमे ज्यादातर भूत प्रेत ,आत्मा या अदभुत शक्तियों के बारे में जानकारी होती है और फिर उससे होता ये है कि हमारे दिमाग मे दिन रात वही बाते घूमती रहती है और किसी भी कारण से कुछ हो हम उसको ऊपर दिए कारणों से जोड़ देते है
अब हमें करना है कि अपने शरीर ,आत्मा और सोच को अपने योगाभ्यास ,ध्यान औऱ प्राणायाम से इतना मजबूत बनाये की छोटी मोटी व्याधियां आपको अपनी साधना के मार्ग से भटका न सके और आपकी सोच को सकारात्मक बनाये (योग और ध्यान से संबंधित अधिक जानकारी के लिए आप यूट्यूब पर योग गुरु पंकज शर्मा या चेंनल का नाम शरणम देखें ) । इस बात का भी हमेशा ध्यान रखें कि जिस स्थान पर आप ध्यान आदि करते है वो साफ शुद्ध हो , दुर्गंध रहित हो और वहाँ कोई ग़लत काम न होता हो इसके अलावा अपने मन को हमेशा खुश रखे, सोच सकरात्मक हो , विचार संयमित और शुद्ध हो तथा आपका भोजन सात्विक और शुद्ध मन से बनाया गया हो भोजन करने से पहले अपने इष्ट देवता या भगवान को भोग जरूर लगाएं और भोजन को भगवान का प्रसाद समझ के ग्रहण करे । स्वयं को सच्चे मन से भगवान को समर्पित करे और अहं भाव का त्याग कर हृदय मे प्रेम भावना जाग्रत रखे । काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार जैसी नकरात्मक भावनाओं का त्याग करे ।
धन्यवाद
योग गुरु पंकज शर्मा
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