*रिपोर्टर दीपेंद्र कुमार* सरेनी (रायबरेली)-सरकार बनते ही प्रदेश में सडकों को गड्ढा मुक्त करने का अभियान चला,योगी सरकार ने गड्ढा...
सरेनी (रायबरेली)-सरकार बनते ही प्रदेश में सडकों को गड्ढा मुक्त करने का अभियान चला,योगी सरकार ने गड्ढा युक्त सडकों को गड्ढा मुक्त करने का खूब ढिंढोरा पीटा पर यह धरातल में सफलता के साथ उतरता नहीं दिखाई दिया! कहीं यह दावे पूरे हुए तो कहीं हवाहवाई साबित हुए!वहीं यदि बात की जाए जनपद रायबरेली की तो रायबरेली स्थित सरेनी क्षेत्र की सडकों का खस्ता हाल अपनी बदहाली का आलम खुद बयां कर रहीं हैं!सरेनी क्षेत्र की लगभग सभी प्रमुख सडकें बदहाल हैं, सडक पर जगह जगह गड्ढे हैं! कहीं कहीं तो सडकों ने छोटे मोटे तालाब का रुप ले रखा है! सरेनी क्षेत्र की लगभग प्रायः सडकें सिंगल लेन हैं और ऊपर से बदहाली का दंश झेल रही हैं ऐसे में हल्की सी बारिश में सडकों पर जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है! स्थानीयों का कहना है।
कि कई वर्षों से सडकें जस की तस पडी हुईं हैं और कई बार शिकायत करने के बाद भी इसकी मरम्मत को लेकर कुछ नहीं किया जा रहा है! सडकों की हालत दिन प्रतिदिन और खराब होती जा रही हैं! सरेनी क्षेत्र से एक ऐसी ही तस्वीर सामने आई है जहां पर आजादी के बाद से अभी तक सडक नहीं बनी है जबकि इस कच्ची सडक से रोजाना लगभग 1000 लोगों का आवागमन बना रहता है और इसी कच्चे मार्ग से छात्र शिक्षा ग्रहण करने विद्यालय जाते हैं बावजूद आजादी के बाद से अभी तक किसी भी प्रतिनिधि व किसी भी जिम्मेदार विभाग व राजनीतिक संगठन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है और न ही इस सडक को बनवाने की जहमत उठाई है! हम बात कर रहे हैं दुधवन से छिवलहा को जोड़ने वाले संपर्क मार्ग की जिसकी दूरी लगभग 2 किलोमीटर है!दुधवन को छिवलहा बाजार से जोड़ने का यह एकमात्र कच्ची सडक है बावजूद जिम्मेदार मूकदर्शक की भूमिका निभाते हुए सिर्फ तमाशबीन बने हुए हैं!दुधवन-छिवलहा सम्पर्क मार्ग कच्चा होने की वजह से बारिश के मौसम में गड्ढों व दलदल में तब्दील हो गया है!स्थिति यह है कि इस मार्ग से पैदल तक निकलना दूभर हो गया है।
जबकि साइकिल व मोटरसाइकिल सहित अन्य वाहनों का निकलना नामुमकिन है!अगर कोई चार पहिया वाहन भूलवश निकलता भी है तो वह गड्ढों व दलदल में तब्दील इस सडक पर बुरी तरह फंस जाता है जिसे बाद में ट्रैक्टर से बांधकर खींच कर बाहर निकालना पड़ता है!दुधवन-छिवलहा सम्पर्क मार्ग के मध्य स्थित पूरे मोती के ग्रामीणों ने बताया कि यहां किसी भी प्रतिनिधि ने मिट्टी तक नहीं डलवाया बनवाने की बात तो कोसों दूर की है! चुनावी समय में वायदे तो सभी करते हैं पर चुनाव के उपरांत जीतने के बाद किसी भी प्रतिनिधि द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जाता है और न ही अभी तक किसी ने इस ओर ध्यान देने की जहमत उठाई,बल्कि इस संबंध में बात करने पर बहाने बनाते हुए भागते नजर आते हैं!पूरे मोती के ग्रामीणों ने बताया कि यदि शीघ्रातिशीघ्र इस ओर जिम्मेदारों द्वारा ध्यान देते हुए रास्ता नहीं बनवाया जाता है तो आने वाले सभी चुनावों में हम ग्रामवासी चुनाव का पूर्ण रूप से बहिष्कार करेंगे
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