पुजारी घनश्याम शर्मा पुजारी की पुत्रवधु तृप्ति शर्मा जोधपुर हाईकोर्ट द्वारा अतिक्रमण हटाने के आदेश को भी तवज्जो नही। रिपोर...
पुजारी की पुत्रवधु तृप्ति शर्मा
जोधपुर हाईकोर्ट द्वारा अतिक्रमण हटाने के आदेश को भी तवज्जो नही।
रिपोर्ट- भैरु सिंह राठौड़
भीलवाड़ा, राजस्थान।
जिले के आसींद कस्बे में पंचायत समिति रोड़ पर राज माता नामक धार्मिक स्थल की कृषि भूमि संख्या 3392, 3393, 3394, 3395 के आराजी नंबर 3400 पर स्थित आम रास्ते की जमीन पर बरसों से अतिक्रमी काबिज होकर इन्होंने पक्के निर्माण तक करा लिए है! अतिक्रमणकारियों को आसींद नगर पालिका ने कई मर्तबा अतिक्रमण को हटाने के नोटिस जारी किए हैं! मगर राजनैतिक हस्तक्षेप के चलते आज तक धार्मिक स्थल पर आम रास्ते की जमीन पर से अतिक्रमण नहीं हट पाया है! इस संबंध में आसींद नगरपालिका ने 30/5/2019 को नोटिस क्रमांक 105 के तहत अतिक्रमी ओमप्रकाश टेलर, मूलचन्द टेलर, जीवन लाल, नारायण लाल गुर्जर, मूलचन्द टेलर को अतिक्रमण हटाने का आदेश जारी किया था! जिसमें अतिक्रमियो़ के खिलाफ सख्ती से पेश आने के बात कही गई है! इसके बावजूद भी अतिक्रमण क्यों नहीं हटा यह बहुत बड़ा सवाल है! इस सबंध में मंदिर के पुजारी घनश्याम शर्मा ने आसींद नगर पालिका, गुलाबपुरा न्यायालय, जोधपुर हाईकोर्ट तक में इस धार्मिक स्थल पर से अतिक्रमण हटाने की गुहार कर डाली मगर आज दिन तक अतिक्रमण नहीं हट पाया है, जबकि गुलाबपुरा न्यायालय और जोधपुर हाईकोर्ट से भी फैसला इनके पक्ष में आया है! पारिवारिक सदस्य तृप्ति नरेश शर्मा ने इस संवाददाता भैरु सिंह राठौड़ को बताया कि गुलाबपुरा न्यायालय व जोधपुर हाईकोर्ट से भी फैसला उनके हक में आने के बावजूद अतिक्रमण नहीं हट पाया है! तृप्ति शर्मा ने बताया कि आसींद के क्षेत्रीय नेता उन्हें भरपूर बचाने का काम कर रहे हैं! अतिक्रमण करने में मुख्य रूप से शामिल हैं, गोविन्द राम पंडा पिता राजाराम पंडा (आसींद), ओमप्रकाश टेलर पिता लेहरु लाल टेलर (आसींद), मूलचन्द टेलर पिता रामचन्द्र टेलर (आसींद), जीवण लाल गुर्जर पिता हरदेव गुर्जर (बड़ा खेड़ा), नारायण लाल गुर्जर पिता हरदेव गुर्जर (वागवां का खेड़ा), नारायण लाल गुर्जर पिता नंगजी राम गुर्जर (बड़ा खेड़ा), अम्बा लाल गुर्जर पिता मेवा राम गुर्जर (जोधां का खेड़ा) आदि! इन लोगों ने अतिक्रमण करके पक्के मकानों का निर्माण करा लिया है! अतिक्रमणकारियों के हौसले इतने बुलन्द हैं कि राजनैतिक संरक्षण के चलते नगरपालिका व जोधपुर हाईकोर्ट के आदेशों को भी कोई तवज्जो नहीं दी जाकर सरेआम अवहेलना की जा रही हैं! सबसे आश्चर्यजनक बात तो यह हैं कि नगरपालिका ने भी धार्मिक स्थल की जमीन पर अतिक्रमणकारियों के पट्टे जारी कर दिए हैं! पट्टे अवैध है या वैध यह तो जांच का विषय है! जबकि कोई भी पंचायत या नगरपालिका या नगरनिगम धार्मिक स्थल की जमीन के पट्टे जारी नहीं कर सकती हैं! नगरपालिका आसींद के इस पट्टे के खेल को जोधपुर हाईकोर्ट ने भी फर्जी और अवैध करार दिया है! इतना कुछ होने के बावजूद भी अतिक्रमण नहीं हटाया जाना नगरपालिका की कार्यशैली को भी संदेह के दायरे में खड़ा करता है! पुजारी घनश्याम शर्मा के बेटे नरेश शर्मा ने इस संवाददाता भैरु सिंह राठौड़ को बताया कि अतिक्रमणकारियों ने कई बार इनके उपर जानलेवा हमला और मारपीट भी की जा चुकी हैं, जिसकी कि आरोपियों के खिलाफ पुलिस थाने में नामजद रिपोर्ट भी दर्द कराई गई थी! यह सही है कि जब कभी कोई अधिकारी इस मामले पर कार्रवाई करने की कोशिश करता तो या तो उसे एपीओ कर दिया जाता या फिर उसका ट्रांसफर कर दिया जाता हैं! जब उक्त प्रकरण के बारे में इस संवाददाता भैरु सिंह राठौड़ ने क्षेत्रीय विधायक जब्बर सिंह सांखला का पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि मामला अदालत में विचाराधीन है और अतिक्रमणकारियों के पास पट्टे होने की बात कही! अगर विधायक ने उनके पास पट्टे होने की बात कही तो फिर जोधपुर हाईकोर्ट ने उन पट्टों को अवैध करार कैसे दिया? यह अपने आप में बहुत बड़ा सवाल है! इतने अधिक समय में जोधपुर हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद भी अतिक्रमण का नहीं हट पाना मामले में राजनीति की बू आने की संभावनाओं से कतई इनकार नहीं किया जा सकता हैं! इतने बड़े गबन में कहीं ना कहीं बहुत बड़ी साज़िश तो है ही! अगर मामले की सरसरी निगाहों से सीबीआई जांच हो तो बहुत ही बड़े रैकेट का खुलासा हो सकता हैं तथा बहुत बड़ी बड़ी मछलियों के शामिल होने का सरेआम पर्दाफाश हो सकता हैं! जब मामले में अतिक्रमणकारियों के रसूखात किसी ऊंचे राजनैता से हो तो आखिर मामले की निष्पक्ष कार्यवाई कैसे हो सकती हैं?
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