न्यूज़ ऑफ इंडिया (एजेंसी) बाराबंकी, 24 सितम्बर,2025 बाराबंकी के अंतर्गत आने वाला पुरेडलई ब्लॉक आज आकांक्षात्मक ब्लॉकों के बीच अपनी विशिष्ट पह...
न्यूज़ ऑफ इंडिया (एजेंसी)
बाराबंकी, 24 सितम्बर,2025
बाराबंकी के अंतर्गत आने वाला पुरेडलई ब्लॉक आज आकांक्षात्मक ब्लॉकों के बीच अपनी विशिष्ट पहचान बना चुका है। उत्तर प्रदेश सरकार के नियोजन विभाग द्वारा व भारत सरकार के नीति आयोग द्वारा संचालित "आकांक्षात्मक ब्लॉक कार्यक्रम" के अंतर्गत पुरेडलई ने जन-प्रथम शासन का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करते हुए, स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक विकास जैसे मानवीय सूचकांकों में शानदार प्रदर्शन किया है।
विकासखंड में नीति आयोग के 40 इंडिकेटर पर सराहनीय कार्य करने के लिए जून 2025 की डेल्टा रैंकिंग में विकासखंड पूरेडलई को 500 आकांक्षी विकास खंडों में तृतीय स्थान मिला है। इससे पूर्व विकासखंड को जून 2024 में अच्छे प्रदर्शन के लिऐ डेढ़ करोड़ रुपए का भी पुरस्कार दिया जा चुका है। जिससे ब्लॉक पूरेडलई उत्तर प्रदेश में सभी ब्लॉकों के लिऐ प्रेरणास्त्रोत बनाता जा रहा है।
पुरेडलई की उपलब्धियों की विस्तृत समीक्षा:
टीबी उपचार में शून्य अंतराल
टीबी (तपेदिक) भारत की एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती रही है। पुरेडलई ब्लॉक ने इस चुनौती को न केवल स्वीकार किया बल्कि वर्ष 2025-26 में अधिसूचित प्रत्येक टीबी रोगी का समय पर, समुचित और सफलतापूर्वक इलाज सुनिश्चित करके इसे प्रभावी ढंग से मात दी। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की सक्रियता, समयबद्ध जांच, दवा वितरण की पारदर्शी प्रणाली और रोगियों के साथ निरंतर संपर्क एवं जागरूकता कार्यक्रमों की बदौलत यह संभव हो सका।
मुख्य बिंदु:शून्य टीबी उपचार अंतराल
100% अधिसूचित मामलों में इलाज पूर्ण
दवा वितरण की डिजिटल निगरानी व्यवस्था, नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जागरूकता
घर-घर जाकर संपर्क में आए संभावित रोगियों की पहचान व परीक्षण पोषण पोटली का वितरण
100% संस्थानगत प्रसव
मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य किसी भी क्षेत्र की सामाजिक प्रगति का संकेतक होता है। पुरेडलई ब्लॉक में यह सुनिश्चित किया गया है कि प्रत्येक गर्भवती महिला का प्रसव किसी संस्थागत सुविधा में ही हो, जिससे प्रसव के दौरान किसी भी जटिलता का त्वरित समाधान हो सके। यह उपलब्धि न केवल बेहतर स्वास्थ्य ढांचे का परिणाम है, बल्कि ग्रामीण महिलाओं में बढ़ती स्वास्थ्य जागरूकता और आशा कार्यकर्ताओं की समर्पित भूमिका का प्रमाण है।
प्रमुख उपलब्धियाँ:
सभी प्रसव सरकारी अथवा पंजीकृत संस्थानों में
मातृ मृत्यु दर में शून्य की ओर प्रगति
हर गर्भवती महिला के लिए एएनसी जांच की 100% पूर्ति
नवजातों के टीकाकरण की पूर्णता दर 98%+
गुणवत्ता युक्त और समावेशी शिक्षा
शिक्षा किसी भी समाज की नींव होती है, और पुरेडलई ब्लॉक में प्राथमिक शिक्षा के स्तर पर जो परिवर्तन देखने को मिला है, वह सराहनीय है। अब सभी प्राथमिक विद्यालयों में बाल पुस्तकालय की स्थापना की जा चुकी है शिक्षकों द्वारा प्रत्येक छात्र पर व्यक्तिगत ध्यान दिया जा रहा है। इससे सीखने की गुणवत्ता में वृद्धि, बच्चों की उपस्थिति दर में सुधार और समावेशी कक्षाओं की स्थापना हुई है।
उल्लेखनीय पहलें:
डिजिटल लर्निंग ,(स्मार्ट क्लास) संसाधनों की उपलब्धता
बालिका शौचालय की उपलब्धता से बालिकाओं की उपस्थिति दर में 30% की वृद्धि
विशेष आवश्यकता वाले छात्रों के लिए समावेशी शिक्षण उपाय
अन्य उत्कृष्ट कार्य पूरेडलई विकास खंड में
प्रशासनिक समन्वय: खंड विकास अधिकारी, सीएचसी प्रभारी, बीईओ, सीएम फैलो, ग्राम प्रधान द्वारा ब्लॉक स्तर की सभी इकाइयों के बीच सशक्त समन्वय स्थापित किया गया।
फ्रंटलाइन कार्यबल : आशा, आंगनबाड़ी, ANM एवं शिक्षकों ने ज़मीनी स्तर पर नवाचारों को सफलतापूर्वक लागू किया।
सामुदायिक भागीदारी : ग्राम चौपाल, संपूर्णता अभियान, पोषण सप्ताह पोषण माह, सास बहु सम्मेलन स्वास्थ्य मेलों, विद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा समाज को जागरूक एवं सक्रिय बनाया गया।
डिजिटल निगरानी प्रणाली: हेल्थ व एजुकेशन डैशबोर्ड के माध्यम से सतत निगरानी और मूल्यांकन संभव हुआ।
जिला अधिकारी शशांक त्रिपाठी ने इस उपलब्धि पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा,
“पूरेडलई ब्लॉक की यह ऐतिहासिक सफलता जिला और ब्लॉक प्रशाशन, पंचायत प्रतिनिधियों, विभागीय अधिकारियों और आम नागरिकों के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। सभी ने शासन की नीतियों को ज़मीन पर उतारने के लिए मिशन मोड में काम किया है, और यही हमारी सफलता की सबसे बड़ी कुंजी रही।”
मुख्य विकास अधिकारी अ. सुदन ने कहा कि
“स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, आजीविका और बुनियादी ढांचे जैसे प्रमुख मानकों पर केंद्रित योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से पूरेडलई ब्लॉक ने उल्लेखनीय प्रगति हासिल की है। टीम भावना, सतत निगरानी और नवाचारपूर्ण पहलों के कारण यह संभव हो पाया है।”
खंड विकास अधिकारी शिवजीत ने कहा कि पूरेडलई ब्लॉक ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, विद्यालयों में नामांकन व उपस्थिति बढ़ाने, पोषण स्तर को बेहतर करने, स्वच्छता मिशन के अंतर्गत उत्कृष्ट कार्य, और स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से ग्रामीण आजीविका में वृद्धि जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य किया है जिससे यह रैंक हासिल हुई है।
भारत सरकार के नीति आयोग द्वारा पुरेडलई की इस प्रगति की सराहना करते हुए इसे "स्थानीय नेतृत्व और नवाचार आधारित विकास का मॉडल" घोषित किया गया है। आयोग ने इस बात को विशेष रूप से रेखांकित किया है कि कैसे सीमित संसाधनों में भी यदि नेतृत्व स्पष्ट हो, और समुदाय जागरूक हो, तो असाधारण परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं।
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