सुनील कुमार श्रीवास्तव जौनपुर,उत्तर प्रदेश। भ्रष्टाचार की चाहत में धृतराष्ट्र हो चुकी रुपयों की खातिर ईमान बेच कर अपराध की दुकान चलाने वा...
सुनील कुमार श्रीवास्तव
जौनपुर,उत्तर प्रदेश।
भ्रष्टाचार की चाहत में धृतराष्ट्र हो चुकी रुपयों की खातिर ईमान बेच कर अपराध की दुकान चलाने वाली पुलिस आज दबंगों को शह देकर बेकसूर लाचार का बेखौफ होकर शिकार करती चली आ रही है। दबंग और अन्याय प्रेमी भ्रष्ट थानाध्यक्षों को मुंह मांगी कीमत चुका कर जबरन घर, मकान ,जमीन पर अवैध कब्जा करते नजर आते हैं। अपराधी और दबंग की सारथी बन चुकी पुलिस न्याय की गुहार लगा रहे पीड़ित को इस कदर लाचार करके फर्जी पुलिसिया कार्यवाही के नाम पर शांति भंग में चालान करके उनके मनोबल को पस्त करती है तथा अपने पूर्वजों की संपत्ति अथवा अपने हक अधिकार के लिए जागृत लोग न्याय की खातिर अगर अन्याय का विरोध करते हैं तो पुलिस के रहमों करम पर दबंग बेखौफ होकर तांडव मचाते हैं खून की नदियां बहातें हैं तथा बेकसूर जिंदगियों को मौत की नींद सुलाते हैं। अपराध के समय या पहले सहयोग ना देने वाली पुलिस हत्या के बाद तुरंत सांत्वना ,कफन और पोस्टमार्टम देती नजर आती हैं वही मौके पर जहां दो पुलिसकर्मी और एक लेखपाल पहुंच कर स्थिति को नियंत्रण ना करने की एवज में हत्या के बाद कई थानों की फोर्स और प्रशासनिक अधिकारियों की ड्यूटी लगा कर शेष जीवित लोगों को ढाढस दिलाया जाता है। पानी के विवाद को खून तक पहुंचा कर जमीन के विवाद को हत्या तक पहुंचा कर पुलिस मुकदमा दर्ज करने से लेकर विवेचना की आड़ में दसियों लाख रुपए का भ्रष्टाचारी खेल खेलती नजर आती है। इसी कारण बेकसूर जिंदगिया मौत के मुंह में अनायास ही काल का भक्षण होती नजर आती है ।इसी कड़ी में पुलिस की निष्क्रियता और निकृष्टता का पहले कभी जून माह में दिखने वाला नजारा अब लाख डाउन की स्थित में हर शनिवार और रविवार को दिखाई देता है जिसके अंतर्गत खुटहन थाना क्षेत्र के फिरोजपुर गांव में झूम कर दो पक्षों में लाठी डंडे गढ़ासे, बल्लम का खुला आयोजित प्रायोजन संपन्न हुआ जिसके अंतर्गत खून की होली खेलते हुए 17 लोग घायल तथा 3 लोग मौत का शिकार नजर आए अपनों की चाहत में बीच-बचाव कर रही महिलाएं तथा बच्चियां भी बुरी तरह से घायल हुई। पुलिस की लापरवाही से हुई 3 हत्याओं से कायल पुलिस अधीक्षक ने थाना अध्यक्ष सहित चार अन्य को लाइन हाजिर किया जिस कारण शायद मरने वालों के परिजनों के दिल के जख्म तथा मृतक आत्माओं पर जालिम लोशन मरहम जैसी कार्यवाही भले ही कुछ तारो ताजगी दे जाए वही एक सप्ताह के बाद ही पुलिस के यह पांचों शेर और दिलेर नई तैनाती पर फिर अपना खुराफाती रुख अख्तियार करते नजर आएंगे फिर इसी तरह खून की नदियां बहवाएंगे जो जांच के साथ-साथ चिंता का विषय नजर आता है।
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