29 सितंबर 2025 उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में रात का सन्नाटा अब डरावना हो चला है। आकाश में टिमटिमाती लाइटों के साथ उड़ते संद...
29 सितंबर 2025
उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में रात का सन्नाटा अब डरावना हो चला है। आकाश में टिमटिमाती लाइटों के साथ उड़ते संदिग्ध ड्रोन न केवल नींद चुरा रहे हैं, बल्कि पूरे परिवारों की शांति भी हराम कर रहे हैं। संभल, अमरोहा, मुरादाबाद, बिजनौर, हापुड़, जौनपुर, भदोही और गोरखपुर जैसे जिलों से ऐसी खबरें लगातार आ रही हैं, जहां ग्रामीण रातभर लाठियां-डंडे थामे पहरा दे रहे हैं। आखिर ये ड्रोन कौन उड़ा रहा है? क्या ये चोरी की साजिश का हिस्सा हैं, या सिर्फ अफवाहों का शिकार? और सबसे बड़ा सवाल-क्या ड्रोन नियमों का पालन हो रहा है।
यह "राज"चोरों की 'रेकी' या सरकारी सर्वे है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में पिछले दो महीनों से रात के अंधेरे में ड्रोन उड़ने की घटनाएं बढ़ गई हैं। संभल और अमरोहा के ग्रामीणों का कहना है कि ये ड्रोन घरों के ऊपर मंडराते हैं, जैसे किसी नजर रख रहे हों। एक ग्रामीण ने बताया, "रात के 12 बजे आसमान में लाल-नीली लाइटें चमक रही थीं। हमने सोचा चोर रेकी कर रहे हैं। पूरे गांव ने रात गुजार दी जागते हुए।" इसी तरह, बिजनौर के 50 से अधिक गांवों में ड्रोन की अफवाह ने दहशत मचा दी है। यहां तक कि कुछ जगहों पर निर्दोष लोगों को ड्रोन उड़ाने का शक लगने पर पीट दिया गया तो वंही जौनपुर के तियारी गांव में शुक्रवार रात कई ड्रोन देखे गए, जिसके बाद ग्रामीण हथियारों से लैस हो गए। भदोही में तो एक ड्रोन खेत में गिरा भी, जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया। गोरखपुर के कैंपियरगंज क्षेत्र में राप्ती नदी के किनारे बसे गांवों में चार ड्रोन उड़ते देखे गए, जिससे लोग छतों पर चढ़कर निगरानी करने लगे। फतेहपुर के घिनवांखेड़ा गांव में ग्रामीणों ने ड्रोन का पीछा किया, लेकिन वस्तु गायब हो गई। पुलिस का कहना है कि ज्यादातर मामलों में ये अफवाहें ही हैं। हापुड़ में जो ड्रोन समझा गया, वो पतंग या प्लास्टिक बैग निकला। मुजफ्फरनगर में दो युवकों ने कबूतरों पर लाइटें बांधकर उड़ाए, जिससे भ्रम फैला। फिर भी, कुछ जगहों पर असली ड्रोन पाए गए हैं। गोरखपुर पुलिस ने स्पष्ट किया कि ये भारतीय सर्वेक्षण विभाग के नदियों के सर्वे के लिए हैं। लेकिन सवाल यह है कि रात में सर्वे क्यों?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च स्तरीय बैठक में निर्देश दिए हैं कि बिना अनुमति ड्रोन उड़ाने वालों पर सख्त कार्रवाई हो।
सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा गरम है। एक यूजर ने लिखा, "भदोही में रात के ड्रोन ने दहशत फैला दी। पुलिस को सूचना दो, अफवाह मत फैलाओ।" वहीं, रायबरेली के सेमरी रना पुर गांव से शिकायत आई कि दो दिनों से ड्रोन उड़ रहे हैं, महिलाएं-बच्चे डरे हुए हैं। बस्ती के गौर थाना क्षेत्र में चोरी की घटनाओं के बाद ड्रोन उड़ान ने आक्रोश बढ़ा दिया। तो क्या बिना अनुमति के उड़ान भर रहे है ड्रोन। ड्रोन तकनीक ने कृषि, सर्वे और आपदा प्रबंधन में क्रांति ला दी है, लेकिन बिना नियंत्रण के ये खतरा बन सकती है। भारत सरकार के नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के 2025 अपडेटेड दिशानिर्देशों के अनुसार, सभी ड्रोन को डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर करना अनिवार्य है। प्रत्येक ड्रोन को यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर (UIN) मिलना चाहिए। रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस - 250 ग्राम से अधिक वजन वाले ड्रोन के लिए रिमोट पायलट सर्टिफिकेट (RPC) जरूरी। ट्रेनिंग और परीक्षा पास करनी पड़ती है। " फ्लाइट परमिशन" डिजिटल स्काई ऐप से अनुमति लें। रेड जोन (हवाई अड्डे, सैन्य क्षेत्र) में उड़ान प्रतिबंधित। जनसंख्या घनी जगहों पर स्थानीय पुलिस की मंजूरी चाहिए। रात में उड़ान के लिए विशेष अनुमति। अधिकतम ऊंचाई 400 फीट। नो-फ्लाई जोन में प्रवेश पर जुर्माना या जेल। बिना अनुमति उड़ान पर 1 लाख रुपये तक जुर्माना। यदि जासूसी या चोरी से जुड़ा, तो आईटी एक्ट और IPC के तहत मुकदमा।यूपी में बिजनौर प्रशासन ने ड्रोन उड़ाने पर 1 लाख का जुर्माना लगाने की एडवाइजरी जारी की है। फिर भी, शरारती तत्व खिलौना हेलीकॉप्टर या कबूतरों से भ्रम फैला रहे हैं। DGCA के अनुसार, 2025 में ड्रोन उपयोग बढ़ा है, लेकिन नियमों की अनदेखी से ही ऐसी घटनाएं हो रही हैं। ऐसे में आम नागरिक को चाहिए कि संदिग्ध ड्रोन देखें तो वीडियो बनाएं और पुलिस को सूचित करें।बअफवाहें न फैलाएं। ड्रोन खरीदने से पहले DGCA गाइडलाइंस पढ़ें। यह दहशत सिर्फ तकनीक का दुरुपयोग नहीं, बल्कि जागरूकता की कमी का परिणाम है। सरकार को ड्रोन रजिस्टर अनिवार्य कर स्थानीय स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने चाहिए। ताकि उत्तर प्रदेश का आकाश विकास का माध्यम बने, डर का नहीं। पुलिस की सक्रियता से स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन ग्रामीणों की चिंता बनी हुई है। क्या ये ड्रोन चोरों के हैं, या सर्वे के? समय जवाब देगा, लेकिन तब तक रातें जागरण की रहेंगी।
- - इंद्र यादव - स्वतंत्र लेखक,भदोही ( यूपी )
indrayadavrti@gmail.com
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