हरिशंकर शर्मा प्रयागराज । प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक नियुक्ति का मापदंड विभिन्न जिलों में अलग-अलग क्यों है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ब...
हरिशंकर शर्मा
प्रयागराज । प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक नियुक्ति का मापदंड विभिन्न जिलों में अलग-अलग क्यों है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा निदेशक से व्यक्तिगत हलफनामा दाखिलकर इसे स्पष्ट करने को कहा है। यदि हलफनामा दाखिल नहीं हुआ तो निदेशक को व्यक्तिगत तौर पर तलब किया जाएगा। यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने शामली की शालू शर्मा व अन्य की याचिका पर अधिवक्ता राघवेन्द्र प्रसाद मिश्र को सुनकर दिया है।
याचिका के अनुसार 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में कुछ जिलों में जम्मू-कश्मीर विश्वविद्यालय से एलीमेंट्री टीचर्स ट्रेनिंग कोर्स डिप्लोमा धारकों को वैध मानते हुए नियुक्ति दी गई है जबकि शामली के बीएसए ने इस डिप्लोमा को अमान्य कर नियुक्ति देने से इनकार कर दिया है। याची का कहना है कि उनकी काउंसिलिंग तो की गई लेकिन नियुक्ति नहीं मिली। हाईकोर्ट ने शामली के बीएसए को निर्णय लेने का निर्देश दिया तो उन्होंने यह कहते हुए नियुक्ति देने से इनकार कर दिया कि जम्मू-कश्मीर में एनसीटीई के नियम लागू नहीं होते।
याची का कहना है कि अब जम्मू-कश्मीर में भी एनसीटीई के नियम लागू हैं। ऐसे डिप्लोमा धारकों को कुछ जिलों में वैध मानते हुए नियुक्ति दी गई है और वे कार्य कर रहे हैं। कोर्ट ने जवाब मांगा तो बीएसए शामली ने हलफनामा दाखिल कर कहा कि उन्हें ऐसे डिप्लोमा धारकों की नियुक्ति की जानकारी ही नहीं है। कोर्ट ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि एक ही भर्ती में विभिन्न जिलों में नियुक्ति प्रक्रिया अलग कैसे है।
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