सतीश मिश्रा सलोन क्षेत्र का एक ऐसा विद्यालय है जो अपनी बदहाली पर जमकर आंसू बहा रहा हैं। जबकि उत्तर प्रदेश की सरकार विद्यालयों की...
सतीश मिश्रा
सलोन क्षेत्र का एक ऐसा विद्यालय है जो अपनी बदहाली पर जमकर आंसू बहा रहा हैं। जबकि उत्तर प्रदेश की सरकार विद्यालयों की दीन दशा सुधारने के लिए भरसक प्रयास कर रही हैं जहां शिक्षा की ओर सक्रियता बरती जा रही है।वही विद्यालय के निर्माण व रखरखाव में लाखों रुपए खर्च कर रही हैं। लेकिन जिम्मेदारों के भ्रष्ट रवैया के चलते क्षेत्र का एक प्राथमिक विद्यालय अपनी बदहाली पर रोना रो रहा है।
हम बात कर रहे हैं सलोन विकासखंड के ग्रामसभा बराडीह गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय के कमरे बदहाल स्थिति में है। कमरों के दरवाजे आधे हैं गायब हैं। कमरों के अंदर गंदगी गोबर कूड़ा इस कदर जमा है कि उसके दुर्गंध से एक पल भी सांस लेना दुश्वार हैं। कमरों के अंदर जबरदस्त गोबर फैला हुआ हैं। विद्यालय परिसर में झाड़ झंखाड़ों से भरा पड़ा है जो सरकार के स्वच्छता अभियान को जबरदस्त बट्टा लगा रहा है। चहरदीवारी न होने से दिन रात जानवरों का अड्डा बना रहता है। कोरोना महामारी के चलते अभी स्कूल बंद किए गए हैं। लेकिन शिक्षकों की छुट्टी नहीं है। जहां एक पल ठहरा नहीं जा सकता वहां घंटों बच्चे कैसे पढ़ाई करेंगे। सबसे बड़ी बात यह है कि अध्यापक विद्यालय आते हैं तो विद्यालय में गंदगी का अंबार कैसे लग रहा है कमरों के दरवाजे, खिड़कियां टूटे पड़े हैं। शौचालय में गंदगी भरी है। प्राथमिक विद्यालय जर्जर व गंदगी होने के कारण इस विद्यालय के शिक्षक पूर्व माध्यमिक विद्यालय में बैठते हैं। क्योंकि दोनों विद्यालय एक ही परिसर में हैं। वैसे तो देश के भविष्य का निर्माण करने वाले बच्चे अपने भविष्य को गढ़ने के लिए विद्यालय का रुख करते हैं यदि विद्यालय का स्वयं का भविष्य अंधकार में हो तो वह बच्चों के भविष्य को कैसे संवारेगा। इस मामले पर विद्यालय के सहायक अध्यापिका ने बताया कि ग्राम प्रधान ने कहा कि बजट नहीं हैं। वहीं ग्राम प्रधान से फोन द्वारा संपर्क किया गया तो कहा कि अभी व्यस्त हैं कल बताते हैं। लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद प्रधान जी कुछ बताना उचित नहीं समझे।
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